1983 विश्व कप जीत ने देश में क्रिकेट की नींव रखी : रवि शास्त्री
1983 विश्व कप जीत ने देश में क्रिकेट की नींव रखी : रवि शास्त्री

1983 विश्व कप जीत ने देश में क्रिकेट की नींव रखी : रवि शास्त्री

नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि कपिल देव की अगुवाई में 1983 विश्व कप की खिताबी जीत ने देश में क्रिकेट की नींव रखी और हमेशा के लिए खेल का चेहरा बदल दिया। शास्त्री ने ट्वीट किया, "25 जून 1983 को, हमें विश्वास था और हम विश्व चैंपियंस बने। इस जीत ने भारत में क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।" भारत ने लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर वेस्टइंडीज को हराकर अपना पहला क्रिकेट विश्व कप खिताब जीता था। टूर्नामेंट में भारत की जीत के आज अब 37 साल हो गए हैं। भारत की तरफ से विश्व कप फाइनल खेलने वाली टीम में सुनील गावस्कर, के. श्रीकांत, मोहिंदर अमरनाथ, यशपाल शर्मा, एसएम पाटिल, कपिल देव (कप्तान), कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविंदर संधू शामिल थे। फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुना। भारतीय टीम 183 रनों पर सिमट गई। वेस्टइंडीज की तरफ से एंडी रॉबर्ट्स ने तीन,मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और लैरी गोम्स ने दो-दो विकेट चटकाए। भारत के लिए, श्रीकांत ने सबसे अधिक 38 रन बनाए, उनके अलावा कोई अन्य बल्लेबाज 30 रन के स्कोर से आगे नहीं जा सका। तीसरी बार विश्व कप जीतने की उम्मीद के साथ मैदान पर बल्लेबाजी करने आई वेस्टइंडीज की शुरुआत खराब रही, और तेज गेंदबाज बलविंदर संधू ने ग्रीनिज को एक रन पर बोल्ड कर दिया। मगर अभी भी भारत के लिए राह बहुत कठिन थी। ग्रीनिज के बाद मदन लाल ने डेसमंड हेन्स और विवियन रिचर्ड्स को भी सस्ते में निपटाकर भारत के लिए उम्मीद जगा दी थी। जिसके बाद वेस्टइंडीज ने छोटे - छोटे अंतराल में विकेट गवाने शुरू कर दिए थे और कप्तान क्लाइव लॉयड भी रोजर बिन्नी के हाथों आउट हो कर पविलियन लौट गए थे। लॉयड के आउट होने के बाद वेस्टइंडीज की टीम ज्यादा देर नहीं टिक सकी और 140 रन के स्कोर पर पूरी टीम ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही भारत ने वह कर दिखाया जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। भारत के विश्व चैंपियन बनते ही उसका नाम वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों के साथ लिया जाने लगा और इसके साथ ही कपिल देव की सेना ने भारत को क्रिकेट में एक नई पहचान भी दिलाई। हालांकि, 28 साल बाद 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत श्रीलंका को हराकर एक बार फिर विश्व विजेता बना। इसके साथ ही भारत वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बाद एक से ज्यादा बार विश्व कप जीतने वाला तीसरा देश बना। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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