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बढ़ते अपराध में फोरेंसिक साइंस के लिए चुनौती विषय पर हुआ वेबिनार

फोरेंसिक साइंस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है - सुंदरराज पी जगदलपुर, 12 मई(हि.स.)। फोरेंसिक साइंस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो भी घटना होती है ,उसके बाद उसका सही साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन करके न्यायालय के समक्ष जितने अच्छे से प्रस्तुत करेंगे ,उसी आधार पर न्यायालय दोषी का निर्णय करता है। यह बात आज एक दिवसीय वेबिनार के मुख्य वक्ता बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कही। फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बिलासपुर ने बढ़ते अपराध में फोरेंसिक साइंस के लिए चुनौती विषय पर वेबिनार करवाया था। सुंदरराज पी ने आगे कहा न्यायालय साक्ष्य के आधार पर ही संबंधित प्रकरण की सुनवाई करता है, इसीलिए क्राइम सीन का बारीकी से निरीक्षण करना अति आवश्यक है।फोरेंसिक टीम के सहयोग से पुलिस क्राइम सीन में अब सही तरीके से साक्ष्यों का संकलन करती है जिससे केस मजबूत होता है, और सजा की दर बढ़ती जा रही है।उन्होंने इससे जुड़ा उदाहरण दुर्ग जिले के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड का उदाहरण दिया। कई बार जानकारी के अभाव में जनता या पुलिस क्राइम सीन को बिगाड़ डालती थी ,लेकिन अब पुलिस आम जनता को इसके लिए कार्यक्रम के माध्यम सेजागरूक कर रही है और साथ ही पुलिस के जवानों एवं अधिकारियों को भी फोरेंसिक एक्सपर्ट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। सुन्दरराज पी ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए दो बिंदु महत्वपूर्ण बताए, आम जनता को जागरूक करना और साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन को बढ़ावा देना। एजेंसी के डायरेक्टर एवं फोरेंसिक एक्सपर्ट दिपेन्द्र बारमते ने बताया कि एजेंसी वैज्ञानिक अन्वेषण से अपराधियों को कठोर सजा एवं पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाने हेतु प्रयासरत है। कार्यक्रम में एफएसएल के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पीएस भगत, फोरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर यादव, कोनी थाना प्रभारी रविन्द्र यादव, मीडिया प्रभारी प्रतिभा जे मिश्रा, एडवोकेट मनमोहन कश्यप, प्रोग्राम कॉडिनेंटर रात्रि लहरी, विनय सोनवानी, अनुराग कुजूर मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

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