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भारत बंद को व्यापारिक संगठनों से मिला बहुमूल्य समर्थन : परवानी

रायपुर, 26 फरवरी (हि. स.) । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने शुक्रवार की शाम पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि कैट द्वारा बुलाए गए भारत बंद को प्रदेशभर के व्यापारिक संगठनों का बहुमूल्य समर्थन प्राप्त हुआ। प्रदेशभर के व्यापारी संगठनों से जुड़े 6 लाख से अधिक व्यापारियों ने शुक्रवार को अपना व्यापार बंद कर व्यापारी एकता का परिचय देते हुए केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाई। इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष मांगीलाल मालू विक्रम सिंह देव महामंत्री जितेंद्र दोषी कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल व प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चौबे उपस्थित थे। कैट ने जीएसटी के नियमों में किये गये जटिल प्रावधानों के सरलीकरण और गैरकानूनी संशोधनों के खिलाफ व्यापारियों की आवाज बुलंद करने के लिया बंद का आव्हान किया था। साथ ही साथ बड़ी विदेशी ई कॉमर्स कम्पनियों के लिए लगातार सरकार द्वारा बनाए गए कानून और नीतियों के उल्लंघन पर लगाम कसने के लिए एफडीआई पालिसी के तहत प्रेस नोट 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करने की मांग को लेकर भी यह व्यापार बंद किया गया था। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की बार-बार चेतावनी के बाद भी ये कंपनियां लगातार नीति का उल्लंघन कर यह बताने की कोशिश कर रही है कि भारत के कानून और नीति कमजोर हैं। बताते चलें कि आज के भारत व्यापार बंद से देश में एक लाख करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हुआ है। जीएसटी प्रावधानों में किये गये जटिल संशोधनों एवं विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के किये गये नियमों के उल्लंघन के विरोध में आज कैट द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान प्रदेश के बाजारों में वीरानी छाई रही। सभी व्यापारिक संगठनों ने आज इस देशव्यापी बंद में शामिल होकर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी कॉउन्सिल को मजबूत सन्देश दिया । आज प्रदेश में व्यापारी से व्यापारी (बीटूबी) और व्यापारी से उपभोक्ता (बी2सी) का व्यापार पूरी तरह से बंद रहा। कैट ने बंद में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, केमिस्ट शॉप ,दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले जनरल स्टोर को व्यापार बंद के दायरे से बाहर रखा। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने भारत व्यापार बंद को सफल बताते हुए कहा कि अधिकारियों को दी गई मनमानी और अनैतिक शक्तियां एक बार फिर से देश में इंस्पेक्टर राज लाएगी और इसका उपयोग कर अपराधियों पर करने की बजाय ईमानदार और कर पालन करने वाले व्यापारियों के उत्पीड़न के लिया किया जाएगा क्योंकि व्यापारियों का पूर्व का अनुभव यही है। कैट ने मांग की है कि कानून या नियमों में कोई संशोधन लाने से पहले जीएसटी नियमों के विवादास्पद प्रावधानों को स्थगित किया जाए और व्यापारियों को विश्वास में लेकर ही नियमों एवं कानून में बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत वर्तमान कर आधार और इस कर आधार से अर्जित राजस्व बहुत कम है और इसे दोगुना किया जा सकता है। हिंदुस्थान समाचार /चंद्र नारायण शुक्ला

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