(अपडेट) अंबेडकर विवि के सफाई कर्मचारियों को मिल रहे दोयम दर्ज के मास्क और सैनेटाइजर
(अपडेट) अंबेडकर विवि के सफाई कर्मचारियों को मिल रहे दोयम दर्ज के मास्क और सैनेटाइजर

(अपडेट) अंबेडकर विवि के सफाई कर्मचारियों को मिल रहे दोयम दर्ज के मास्क और सैनेटाइजर

नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। दिल्ली के अंबेडकर विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारी कोरोना महामारी के दौर में घटिया सुरक्षा साधनों के साथ काम करने को मजबूर हैं। इनको संक्रमण होने की अधिक संभावना बनी है। इस समय विश्वविद्यालय में शैक्षिक गतिविधियों को बंद रखा गया है, लेकिन विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों को तीनो कैंपस (कश्मीरी गेट, कर्मपुरा, लोधी रोड) में रोजाना पूरी संख्या में बुलाया जा रहा है। विश्वविद्यालय सफाई कर्मचारियों के मुद्दे पर सफाई कामगार यूनियन (एसकेयू) की दिल्ली ईकाई के सदस्य हरीश गौतम ने बताया कि विश्वविद्यालय में सभी तरह के काम-काज बंद हैं तो प्रशासन दबाव डाल कर इनसे ड्यूटी क्यों करवा रहा है। सफाई कर्मियों को पूरी संख्या में काम पर क्यों बुलाया जा रहा है। प्रशासन सफाई कर्मचारियों की जिंदगी साथ खिलवाड़ कर रहा है। गौतम ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन सफाई कर्मियों के स्वास्य्य को गंभीरता से नहीं लेता है, इसीलिए तो उन्हें घटिया दर्जे के मास्क, ग्लब्स और पानी मिला हुआ सैनीटाइजर प्रयोग के लिए दिया जा रहा है। गौतम ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को भी अपनी जान प्यारी है, वो अब घटिया दर्जे के मास्क, ग्लब्स और सैनीटाइजर नहीं लेंगे। विश्वविद्यालय में कार्यरत सफाई कर्मचारी रोहित, अक्षय, बब्लू, अनिता ने अपने मास्क और दस्ताने दिखाते हुए बताया कि शायद आम आदमी भी इससे बेहतर मास्क पहनता होगा, जबकि हम शिक्षण संस्थान के कर्मचारी हैं और स्वचछता के लिए काम करते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों को दिए जाने वाले मास्क बहुत ही घटिया दर्जे के हैं जो काम के दौरान कुछ ही घंटों में फट जाते हैं। दस्ताने के नाम पर उन्हें घटिया पन्नी के ग्लब्स दिए जा रहे हैं और सैनिटाइजर भी पानी मिला हुआ दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सफाई कर्मचारियों ने लिखित और मौखिक दोनों माध्यमों से प्रशासन को अपनी शिकायत दी है, लेकिन हर बार उनकी शिकायत पर झूठा आश्वासन देकर लगातार समस्या को टाल देने की कोशिश हुई है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि यदि इस बार उनकी शिकायत पर प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वो इस प्रकार के घटिया सामान को नहीं लेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विश्वविद्यालय से सटे हुए इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय के कैंपस में कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, तब अंबेडकर विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट कैंपस को बंद करने का फैसला किया गया, लेकिन इस सम्बन्ध में सफाई कर्मचारियों को कोई सूचना नहीं दी गई और उन्हें अगले दिन भी काम पर बुलाया गया। अब विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में भी भय का माहौल बना हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश-hindusthansamachar.in

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