यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने निजीकरण का किया विरोध
अगरतला, 04 फरवरी (हि.स.)। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने बैंकों के निजीकरण की संभावना के विरोध में गुरुवार की शाम अगरतला में सिटी सेंटर के सामने धरना दिया। मंच के संयुक्त संयोजक जाहर लाल डे ने कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण से देश की वित्तीय प्रणाली में तेजी आई है। आज इसे निजीकरण के माध्यम से विनाश की ओर धकेला जा रहा है। इसलिए, आज हम विरोध करने के लिए मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री ने वादा किया था कि बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा। हालांकि, इस साल का बजट उनके पूर्वानुमान से मिला है। उनके अनुसार बैंकों के राष्ट्रीयकरण ने गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की बचत के साथ-साथ आर्थिक व्यवस्था को मजबूत किया। लेकिन, भविष्य में हमारी मेहनत की कमाई के लिए कोई सुरक्षा नहीं होगी। मंच के संयुक्त संयोजक ने कहा, पूंजीपतियों को करोड़ों रुपये दिए जा रहे हैं। बैंक से ऋण लेकर ना चुकाने का अवसर दिया जा रहा है। इस वजह से हम बैंक घाटे का परिणाम भुगत रहे हैं। इसीलिए हम आज विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा क्योंकि, लोगों की महेनत की कमाई से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसलिए, आज हम बैंक को बचाने के लिए आवेदन को लेकर विरोध के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ संदीप/ अरविंद-hindusthansamachar.in