बाल सुरक्षा नेटवर्क की सूझबूझ से उदयपुर में 4 बच्चियों के बाल विवाह रुके
उदयपुर, 28 जून (हि.स.)। बाल सुरक्षा नेटवर्क की पहल पर उदयपुर में चार नाबालिग बालिकाओं के बाल विवाह को रुकवाने का सकारात्मक प्रयास किया गया है। पुलिस ने नाबालिग बच्चियों के अभिभावकों को बुलाकर विवाह न करने के लिए पाबंद किया है। नेटवर्क के प्रयास से चित्तौड़ में दूल्हे पक्ष को भी बाल विवाह न करने के लिए पाबंद कराया गया है। पहला मामला उदयपुर की भीलू राणा कच्ची बस्ती क्षेत्र का बताया गया है, जहां एक 13 वर्षीय बालिका का विवाह बड़ीसादड़ी निवासी युवक से 29 जून को भड़ल्या नवमी पर होना प्रस्तावित है। भीलवाड़ा क्षेत्र से यह सूचना बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य एडवोकेट हरीश पालीवाल को मिली जिस पर पालीवाल ने तत्काल ने सबंधित को सूचित किया। चाइल्डलाइन के समन्वयक नवनीत शर्मा ने मामले की गंभीरता को देख कर कार्यकर्ता वीरेंद्र सिंह को मौके पर पहुंचने और अभिभावकों को समझाइश करने तथा संबंधित अंबामाता थाना पुलिस की मदद लेने के निर्देश दिए। बाल कल्याण समिति की सदस्य शिल्पा मेहता एवं राजीव मेघवाल ने भी तत्काल अंबामाता थाने को पत्र जारी कर बाल विवाह रुकवाने के निर्देश दिए। अंबामाता थाना एएसआई नारायण सिंह ने बालिका के अभिभावकों को 29 जून को उदयपुर शहर नहीं छोडऩे तथा विवाह न करने के लिए पाबंद किया और ऐसा करने पर उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के लिए कहा गया। पूछताछ में लडक़े के बड़ी सादड़ी का होने पर वहां भी उन्हें पाबंद कराने की कार्यवाही की गई। इसी तरह बाल सुरक्षा नेटवर्क ने बाल कल्याण समिति को रामपुरा चौराहा क्षेत्र में 3 नाबालिग बच्चियों के भी 29 जून को बाल विवाह होने की सूचना दी, जिस पर बाल कल्याण समिति सदस्य शिल्पा एवं राजीव ने अंबामाता थाने को पत्र प्रेषित कर इनके अभिभावकों को भी थाने में बुलाकर पाबंद करने की कार्यवाही करवाई गई। चारों बच्चियों के सोमवार को होने वाले बाल विवाह को रोकने बाबत पुलिस द्वारा पाबंद करने के बावजूद समन्वयक नवनीत शर्मा के नेतृत्व में चाइल्डलाइन उदयपुर के कार्यकर्ता व अंबामाता के बीच कांस्टेबल निगरानी रखेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल-hindusthansamachar.in