अमेरिकी सैनिकों को घटाने की ट्रम्प की योजना जर्मनी में चिंता का विषय
अमेरिकी सैनिकों को घटाने की ट्रम्प की योजना जर्मनी में चिंता का विषय

अमेरिकी सैनिकों को घटाने की ट्रम्प की योजना जर्मनी में चिंता का विषय

नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। जर्मनी ने रविवार को उन रिपोर्टों पर चिंता जताई कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या में कटौती करने की योजना बनाई है। इससे यह आशंका पैदा हो गई कि यह यूरोप में नाटो सुरक्षा के एक प्रमुख स्तंभ को कमजोर कर सकता है। जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास ने कहा कि भले ही निकट सहयोग से लाभ हुआ, लेकिन दोनों देशों के संबंध ट्रम्प के शासनकाल में "जटिल" हो गए हैं। बर्लिन में अन्य वरिष्ठ राजनेता साफतौर पर अधिक नाराज हैं और इस योजना को अमेरिका-जर्मनी संबंधों के लिए नवीनतम झटका और एक संभावित सुरक्षा जोखिम करार दिया। मास ने एक दैनिक अखबार को बताया "हमें अमेरिकी सैनिकों के एक हिस्से की वापसी पर बात करनी चाहिए, हम इस पर ध्यान दे रहे हैं। हम दशकों से अमेरिकी सशस्त्र बलों के साथ बड़े पैमाने पर हुए सहयोग की सराहना करते हैं। यह दोनों देशों के हित में है।" ट्रान्स-एटलांटिक संबंधों के लिए चांसलर एंजेला मर्केल के समन्वयक पीटर बेयर ने चेतावनी दी कि ट्रम्प के फैसले से "जर्मन-अमेरिकी संबंध गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं"। अमेरिका के कुछ मीडिया संस्थानों ने शुक्रवार को जानकारी दी थी कि ट्रम्प ने पेंटागन को आदेश दिया है कि वह जर्मनी में वर्तमान 34,500 अमेरिकी सैन्य कर्मियों की संख्या में से 9,500 को स्थायी रूप से घटा दे। इस तरह के कदम से नाटो की छतरी के नीचे यूरोपीय रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता में काफी कमी आएगी। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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