कोरोना से बचाव के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोविड कोट का प्रयोग करेगा परिहवन निगम
कोरोना से बचाव के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोविड कोट का प्रयोग करेगा परिहवन निगम

कोरोना से बचाव के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोविड कोट का प्रयोग करेगा परिहवन निगम

लखनऊ, 27 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) कोरोना से बचाव के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोविड कोट का प्रयोग लखनऊ के कैसरबाग और अवध बस स्टेशन पर करेगा। प्रयोग सफल होने पर इसे अन्य बस अड्डों पर इस्तेमाल किया जाएगा। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने शनिवार को बताया कि मेसर्स जर्म गार्ड संस्था द्वारा कोविड कोट तकनीक का प्रस्तुतिकरण किया गया है। प्रस्तुतिकरण में दावा किया गया है कि केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग ने यह माना है कि कोविड कोड तकनीक विभिन्न प्रकार की सतहों जैसे लोहा, तांबा, टेक्सटाइल, प्लास्टिक, लैपटॉप, फर्नीचन और पर्श आदि पर लगाए जाने पर संक्रमण के रोकथान में प्रभावी है। उन्होंने बताया कि संस्था ने प्रस्तुतिकरण में कहा है कि कोरोना वायरस भी इन्फ्लुएंजा वायरस जैसा ही है। इसलिए यह तकनीक कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहायक होगी। एक बार किसी सतह को विसंक्रमित करने के बाद उस पर लगाई गई कोविड कोट की परत का प्रभाव 90 दिन तक रहता है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि कोविड कोट तकनीक का प्रयोग परिवहन निगम मुख्यालय, कैसरबाग और अवध बस स्टेशन के एसी प्रतीक्षालय में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर निशुल्क प्रयोग करने की अनुमति दी गई है। तीन महीने का समय पूरा होने पर इसकी उपयोगिता का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद परिवहन निगम के अन्य बस स्टेशनों और कार्यालयों में प्रयोग करने पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसलिए परिवहन निगम कोरोना के फैलाव को रोकने क लिए नई-नई तकनीकों को अपना रहा है। ताकि परिवहन निगम की बसों और कार्यालयों में एक दूसरे के द्वारा कोरोना वायरस का फैलाव न हो सके। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/दीपक-hindusthansamachar.in

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