मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना प्रभावित 11 जिलों के लिए नवनियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना प्रभावित 11 जिलों के लिए नवनियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना प्रभावित 11 जिलों के लिए नवनियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ की बैठक

कहा, नोडल अधिकारी संक्रमण-मृत्यु दर की अधिकता का आकलन कर पांच दिन में सौंपे रिपोर्ट लखनऊ, 14 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 प्रभावित 11 जनपदों के लिए नवनियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रभावित 11 जनपदों, आगरा, मेरठ, कानपुर नगर, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बुलन्दशहर, झांसी व बस्ती में टीम भेजी जा रही है। यह ऐसे जनपद हैं, जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा केसेज़ सामने आ रहे हैं। वहां पर एक प्रशासनिक अधिकारी-एक चिकित्सक की टीम भेजी जा रही है। जनपदों में भेजी जा रही टीम कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने का करे काम मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि टीम के सदस्य सम्बन्धित जनपदों में संक्रमण तथा मृत्यु दर की अधिकता के कारकों का आकलन करके पांच दिन के अंदर जनपद के सम्बन्ध में अपनी समग्र रिपोर्ट उपलब्ध कराए, जिससे योजना बनाकर इन जनपदों में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के सम्बन्ध में निर्देश दिया जा सके। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि जनपदों में भेजी जा रही टीम कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने, इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए गम्भीरता से प्रयास करे। उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी बरतकर कोरोना संक्रमण व मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है। मरीज के अटेन्डेन्ट को उपचार की स्थिति के बारे में दें नियमित जानकारी मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड अस्पताल में चिकित्सक द्वारा नियमित राउण्ड लिया जाए। पैरामेडिकल स्टाफ निरन्तर उपस्थित रहे। मरीजों को निश्चित समय से नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का भोजन उपलब्ध कराया जाए। साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी रहे। बेड शीट नियमित बदली जाए। शौचालय साफ रहे। उन्होंने कहा कि वाॅर्ड इंचार्ज द्वारा मरीज के अटेन्डेन्ट को उपचार की स्थिति के सम्बन्ध में नियमित जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि मरीजों के उपचार में जनपद में उपलब्ध सभी चिकित्सा सुविधाओं का उपयोग किया जाए। सर्विलांस सिस्टम तथा चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए टीम मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में भेजी जा रही टीम द्वारा वहां पर कोरोना के सम्बन्ध में सर्विलांस सिस्टम तथा विभिन्न स्तरों के चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करे। उन्होंने कहा कि बेहतर सर्विलांस सिस्टम तथा चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करके पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में होने वाले इंसेफेलाइटिस के प्रकोप को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। इंसेफेलाइटिस के प्रकोप पर काबू पाने का दिया हवाला उन्होंने कहा कि बीते तीन वर्षों में विभिन्न स्तरों पर सावधानी बरतने से इंसेफेलाटिस के संक्रमण में 60 प्रतिशत तथा इससे होने वाली मृत्यु में 90 प्रतिशत की कमी आयी है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का संचालन कराया गया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया। इसके अलावा, चिकित्सा शिक्षा, नगर विकास, पंचायतीराज, बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार आदि विभागों द्वारा कार्यवाहियां की गईं। इसके तहत स्वच्छता, जागरूकता, खुले में शौच के खिलाफ अभियान, पुष्टाहार की उपलब्धता, प्राथमिक, सामुदायिक तथा जिला चिकित्सालयों को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया गया। सभी गतिविधियों का माइक्रो मैनेजमेन्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सर्विलांस की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा आशा वर्कर्स द्वारा किसी भी बच्चे को बुखार आने पर प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजा गया। इसके लिए एम्बुलेंस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग करायी गयी, जिससे लक्षण के आधार पर मरीजों का तत्काल उपचार प्रारम्भ किया जा सके। इससे इंसेफेलाइटिस से बीमार बच्चों को समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हुई, जिससे संक्रमण का प्रसार तथा मृत्यु दर नियंत्रित हुई। कोरोना संक्रमण में भी प्रभावी व्यवस्था की दरकार मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण में भी ऐसी ही प्रभावी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपदा का यह समय, एक ऐसा अवसर है, जिसमें प्रशासनिक मशीनरी तथा हेल्थ वाॅरियर्स अपनी कार्य कुशलता का प्रदर्शन कर अपने प्रति जनविश्वास को दृढ़ कर सकते हैं। कोरोना संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी घर अस्पताल में रखें उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को हर हाल में रोका जाना है। ऐसे में, कोरोना संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी घर में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका बनी रहती है। राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 के कोविड अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड उपलब्ध हैं। संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी अस्पताल में रखा जाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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