कोरोना काल मे उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का रखें ख्याल - डॉ. दलवीर सिंह
कोरोना काल मे उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का रखें ख्याल - डॉ. दलवीर सिंह

कोरोना काल मे उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का रखें ख्याल - डॉ. दलवीर सिंह

फर्रुखाबाद, 09 जून (हि.स.)। इस समय जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में हमें अपने घर में मौजूद गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशु का खास ध्यान रखना होगा। अभी तक अपने देश की सभी आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी गतिविधियाँ रोक दी गयी थी। अब धीरे धीरे सुचारू रूप से सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप गति पकड़ रहीं हैं। इसी को देखते हुए मंगलवार को जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहम्दाबाद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया। जिसके तहत 54 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच की गयी, जिसमें से 15 गर्भवती महिलाएं उच्च जोखिम की निकली सभी गर्भवती महिलाओं को उचित सलाह दवा और स्वल्पाहार वितरित किया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दलवीर सिंह का कहना है कि ऐसी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद सामान्य प्रसव के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए रणनीति तैयार की गई है। प्रसव से पहले टीकाकरण के निर्देश दिए गए हैं। जिससे एचआरपी और मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाई जा सके। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान काफी एहतियात बरतने की जरूरत होती है। लापरवाही की वजह से महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की चपेट में आ जाती हैं। इस दौरान हीमोग्लोबिन का स्तर 5 ग्राम से कम रह जाता है, जबकि महिलाओं में इसका लेवल 10 से 12 ग्राम होना चाहिए। जिला कार्यक्रम प्रबंधक कंचन बाला का कहना है कि सेहत की अनदेखी और खून की कमी से महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) की चपेट में आ रही हैं। जिले में चार फीसदी महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से पीड़ित पाई गई हैं। जिला महिला अस्पताल समेत समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले साल अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक जांच के लिए आई लगभग 73 हजार गर्भवती महिलाओं में से 2927 उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित की गईं। इनमें 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन पाए जाने वाली गर्भवतियों को आयरन सुक्रोज दिया गया। इससे उनके हीमोग्लोबिन में बढ़ोत्तरी हुई। इनमें कई एचआरपी वाली महिलाओं का सामान्य प्रसव भी हुआ। सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सौरभ कटियार ने कहा कि अगर किसी गर्भवती महिला को खून की कमी है, गर्भधारण के बाद हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉयड और अधिक उम्र में गर्भधारण या वह शुगर से पीड़ित है, इसके अलावा पूर्व में ऑपरेशन से डिलिवरी समेत 14 से ज्यादा ऐसे मामले हैं जिनकी वजह हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती है। ऐसी महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) की श्रेणी में रखा जाता है, और इन चिन्हित महिलाओं पर स्वास्थ्य विभाग की भी नजर रहती है ताकि सुरक्षित प्रसव कराकर मां-बच्चे की जान बचायी जा सके। साथ ही कहा कि एनीमिया या खून की कमी वह स्थिति है जिसमें रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की गोलियां खाती हैं पर इसके अलावाअपने खान-पान में भी सुधार करना होगा। साबुत अनाज, फल और सब्जियों के रूप में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इस दौरान बीसीपीएम जनक सिंह, नर्स मेंटर जेबा, स्टाफ नर्स पारुल एएनएम रुकैया सहित गर्भवती महिलाएं मौजूद रहीं। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रपाल/मोहित-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in