नक्सली फरमान पर ग्राम बड़े केडवाल के तीन परिवार गांव से किया पलायन
नक्सलियों ने एक परिवार के सदस्य की माता-पिता व पत्नी के सामने कर दी थी हत्या नक्सलियों से अनुमति के बिना ग्रामीण नहीं जा सकते हैं गांव के बाहर सुकमा,10 जनवरी (हि.स.)। जिले में नक्सलियों के द्वारा ग्रामबड़े केडवाल के तीन परिवार को एक सप्ताह के अंदर गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद एक परिवार गांव छोड़कर सुकमा के पास परिजनों के यहां पहुंचकर शरण लिया है, वहीं बाकी दो परिवार पड़ोसी राज्य ओडिसा पलायन कर गया है। ज्ञात हो कि इनमें से एक परिवार के सदस्य की बीते 17 नवंबर 2020 को पुलिस मुखबिरी के आरोप में पोड़ियामी बलराम की हत्या जन अदालत लगाकर माता-पिता एवं पत्नी के सामने ही हत्या कर दिया गया था। इस घटना के बाद डरे-सहमे तीनों परिवार को नक्सलियों ने गांव छोड़कर जाने के फरमान से गांव छोड़कर पलायन कर गये हैं। गांव से बेदखल परिवार के एक सदस्य ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि पोड़ियामी बलराम गाय चराने के लिए गया हुआ था, इस दौरान उसे नक्सली उठाकर ले गए। नक्सलियों के द्वारा परिजनों एवं आसपास के गांव के लोगों को सूचना दी और जन अदालत लगाया गया। जन अदालत में बलराम को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों के द्वारा उसकी हत्या करने की सजा सुना दी गई। परिजनों एवं आसपास के ग्रामीण बलराम को छोड़ने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन नक्सलियों ने किसी की एक न सुनी और बलराम को नक्सलियों ने मुखबिर बताकर डंडे पीटकर और उसके शरीर पर गर्म तेल डाल गया, उसके बाद भी मौत नहीं हुई तो उसकी गला रेतकर हत्याकर दी गई। मानवता के दुश्मन नक्सलियों की यह करतूत अक्ष्मय है, लेकिन गरीब ग्रामीण अपने परिवार के लोगों को अपने सामने हत्या करते देखना कितना विभत्स होगा, इसकी कल्पना मात्र की जा सकती है। बलराम के बूढे माता-पिता इस घटना का जिक्र करते हुए बेटे की हत्या का दर्द माता पिता के आंखों में साफ दिख रहा था। गांव छोड़ चुके परिवार ने बताया कि इस इलाके में अक्सर लोगों पर मुखबिरी एवं किसी ना किसी तरह का आरोप लगाकर नक्सली मारपीट करते आ रहे हैं और किसी ना किसी को गांव छोड़कर जाना पड़ रहा है। अब तक कई परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं। जिसमें से कई लोगों को रातों-रात ही गांव छोड़कर भागने पर भी मजबूर होना पड़ा है। वहीं अगर किसी को गांव से बाहर भी जाना पड़े तो इसके लिए वह नक्सलियों से अनुमति लेना पड़ता है। यहां तक कि कोई गांव में बीमार होता है तो उसके इलाज के लिए बाहर ले जाने के किए भी अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है। तब जाकर कहीं लोग इलाज के लिए गांव से बाहर जा पाते हैं। पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा उन्हें गांव छोड़ने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद पीड़ित परिवारों ने 05 ट्रैक्टर में सामान लादकर पीड़ित एक परिवार अपने परिजन के यहां सुकमा के ग्राम कुड़केल पंहुचे हैं। बाकी दो परिवार उड़ीसा के बटनवाडा पलायन कर गये हैं। सुकमा एसपी केएल ध्रुव ने बताया कि ग्राम बड़े केडवाल के 03 परिवारों को नक्सलियों ने गांव से भगा देने की जानकारी मिली है, जिसमें से एक परिवार के सदस्य की बीते माह नवम्बर में नक्सलियों ने हत्या कर दी है। पीड़ित परिजनों में से किसी ने भी इसकी कोई सूचना पुलिस को नहीं दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे-hindusthansamachar.in