छग सरकार, स्टील व सीमेंट उद्योगपतियों की सांठगांठ का नतीजा दाम एकाएक छू रहे आसमान : हुपेंडी
प्रदेश की जनता को महंगे दाम पर लोहा व सीमेंट बेच रहे उद्योगपति : विशाल केलकर रायपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। कोमल हुपेंडी ने कहा कि स्टील व सीमेंट के उद्योग में जबरदस्त लाभ का धंधा है। इस कारोबार में जुटे लोगों की मुनाफाखोरी से जनता का बुरा हाल हो रहा है। जहां हमारे प्रदेश में सीमेंट और सरिया का उत्पादन हो रहा है, उन इलाकों में इसकी कीमतों में कमी और नियंत्रण होना लाजमी है। लेकिन छत्तीसगढ़ के पडोसी राज्यों में इनकी कीमते ना केवल स्थिर है, बल्कि राज्य की तुलना में बेहद कम है बावजूद छत्तीसगढ़ में अनियंत्रित तरीके से इसके दाम बढ़ाए जा रहे हैं। कोमल हुपेंडी ने रविवार को संयुक्त पत्रकारवार्ता कर बताया कि प्रदेश में कच्चा माल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है जिसका लगातार दोहन करके छत्तीसगढ़ की जनता के लिए ही दाम को बढ़ा दिया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि अभी कुछ भी ऐसा नहीं हुआ की दाम बढ़े, सिर्फ मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के अलावा। जनता जानना चाहती है कि ऐसा क्या हुआ और क्यों दाम बढ रहे हैं। वहीं पार्टी प्रवक्ता विशाल केलकर ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में ही सीमेंट और लोहे के दामों में जबरदस्त वृद्धि की गई है। जब कच्चे माल के दाम में गिरावट का दौर देखा जा रहा है तो लोहे और सीमेंट के दाम में उछाल आना हैरानी भरा नजर आ रहा है। यही नहीं इन उद्योगों को राज्य सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर करों और बिजली की दरों में छूट दी गई है। राज्य सरकार के राहत पैकेज से स्टील उद्योग ने तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति की है। इसके बावजूद भी उनके उत्पादों में बेलगाम वृद्धि ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए सरिया की कीमत 42 हजार रुपये प्रति टन मिल रही थी जिसे बढ़ाकर अचानक 58 हजार रुपये टन सरिया कर दिया गया जिसे खरीदना आम जनता के वश में नहीं है। आम आदमी पार्टी सरकार से जनता की ओर से इस बेलगाम हो रहे भावो को अंकुश लगा कर कम करने का आवाह्न करती है। कोमल हूपेंडी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे। अगले कुछ दिनों में सरकार ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की तो आम आदमी पार्टी इस पूरे मुद्दे को व्यापक तौर पर पूरे प्रदेश में उठाएगी और जरूरत पड़ी तो तीव्र आंदोलन कर जनता के बीच भी जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल-hindusthansamachar.in