सिंधु जल समझौते को किया जाये रद्द: विक्रांत कपूर
सिंधु जल समझौते को किया जाये रद्द: विक्रांत कपूर

सिंधु जल समझौते को किया जाये रद्द: विक्रांत कपूर

जम्मू 02 जून (हि.स.)। हिन्दुस्थान शिव सेना के अध्यक्ष विक्रांत कपूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि सिंधु जल समझौते को तत्काल से रद्द किया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू में 80,000 स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर लगाकर जम्मूवासियों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है जबकि कश्मीर में केवल 35,000 मीटर ही लगाए जायेंगें। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 1,15,000 स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर लगाने लगाने का फैसला किया है। विक्रांत कपूर ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही। प्रदेश में पैदा होने वाली बिजली को बाहरी राज्यों में भेजने पर सवाल उठाते हुए कपूर ने कहा कि प्रदेश में पैदा होने वाली बिजली की आपूर्ति जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही की जानी चाहिए। उन्होंने वर्ष 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान के बीच हुए सिंधु जल समझौते को भी रद्द करने की मांग की ताकि जम्मू कश्मीर अपनी नदियों का पानी इस्तेमाल कर सके। कपूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को याद दिलाया कि जब वर्ष 2016 में उड़ी में पाक परस्त आतंकवादियों ने सेना के शिविर पर हमला किया था तो उस समय उन्होंने कहा था कि ब्लड़ और वाटर एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा था कि वह सिंधु जल समझौते को रद्द कर देंगे। कपूर ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने उस वायदे को पूरा करना चाहिए और सिंधु जल समझौते को तत्काल से रद्द करना चाहिए। इससे जम्मू कश्मीर बिजली उत्पादन के मामले में पूरी तरह से आत्म निर्भर होने के साथ ही यहां के लोगों को मुफ्त में भी बिजली की आपूर्ति कर सकता है और साथ ही पूरे देश को बिजली की आपूर्ति कर सकता है। कपूर ने कहा कि राज्य से धारा 370 और 35ए हटने और इसे यूटी का दर्जा मिलने के बाद जम्मूवासियों में एक उम्मीद जगी थी कि पिछले सात दशकों से कश्मीरी शासकों द्वारा किए जा रहे भेदभाव का अंत हो जायेगा। यूटी बनने के बाद से केन्द्र सरकार और यूटी प्रशासन की ओर से लिए गए फैसलों ने जम्मूवासियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इन फैसलों ने जम्मूवासियों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। इसके अलावा नए वाहनों की खरीद पर 9 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया, नए टोल प्लाजा भी जम्मू में ही खोले गए, बिजली का निजीकरण, इंटरनेट की स्पीड 4जी से घटाकर 2जी करना, बेरोजगारी की दर में वृद्धि होना, पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमशः 5 और 1.5 रुपए प्रति लीटर बढ़ाना, शराब पर 50 प्रतिशत टैक्स बढ़ाना, जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों को डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए कतारों में लगना पड़ेगा जबकि उनके पास पहले ही स्टेट सब्जैक्ट मौजूद हैं। इससे जम्मू से भेदभाव की स्पष्ट झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने देश सहित समाज के हर वर्ग की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। सरकार को प्रभावितों को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उप राज्यपाल जी.सी. मुर्मू से आग्रह किया कि वे जम्मू से भेदभावपूर्ण नीतियों को त्यागें और लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करें। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान-hindusthansamachar.in

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