वैष्‍णो देवी मंदिर के बारे में जानकारी - Vaishno Devi Temple in Hindi

वैष्‍णो देवी मंदिर के बारे में जानकारी - Vaishno Devi Temple in Hindi

त्रिकुटा पहाड़ी की पवित्र गुफा है माँ वैष्णो देवी का वास स्थान, जहाँ तीर्थयात्री माँ के तीन पिंडीस्वरुपों- विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी माँ लक्ष्मी और दुष्टों का नाश करने वाली माँ काली के दर्शन कर स्वयं को धन्य करते हैं।

जगतजननी माँ वैष्‍णो का मंदिर, जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। वैष्णो देवी को शक्ति का रूप माना जाता है। माँ वैष्णो देवी की यात्रा जम्मू के कटरा जिले से शुरू होती है। कटरा से लगभग 12 कि.मी की दूरी पर स्थित माता रानी का यह मंदिर 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

"जय माता दी-जय माता दी" कहते भक्त इस यात्रा में पहले बाणगंगा, फिर अर्धकुंवारी और अंत में मुख्य गुफा तक पहुँचते हैं लेकिन यात्रा समाप्त करने से पहले, गुफा से थोड़ी दूरी पर स्थित भगवान भैरो नाथ के दर्शन करना अनिवार्य है।

वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास - History of Vaishno devi temple in Hindi

पुराणों के अनुसार, श्रीधर नामक एक ब्राह्मण को माता वैष्णो ने त्रिकुटा की पहाड़ियों पर तीन पिंडियों के रूप में दर्शन दिए थे। माँ ने श्रीधर को पिंडियों का महत्तव बताते हुए उनकी पूजा करने और धरती पर वैष्णो देवी यात्रा का महत्तव लोगों तक पहुंचाने को कहा। तब से श्रीधर रोज़ सवेरे अपने घर से त्रिकूटा की पहाड़ियों पर चढ़कर माँ वैष्णो की पूजा करने जाते थे।

इसके बाद से माता की यात्रा करने के लिए लोगों की भीड़ हर साल बढ़ती रही। माता की गुफा तक जाने के लिए रास्ता बहुत संकीर्ण था। सन् 1986 में "श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board)” का गठन हुआ। बोर्ड द्वारा दो नए मार्गों का निर्माण करवाकर यात्रा को सरल और सुगम बनाया गया।

वैष्‍णो देवी में क्या देखे -

वैष्णो देवी की लगभग आधी यात्रा के बाद भक्त अर्धकुंवारी गुफा तक पहुंचते हैं। कहा जाता है कि बाबा भैरोनाथ से भागते हुए माँ वैष्णो ने इसी गुफा में नौ महीनों तक तपस्या की थी। इस गुफा का आकार गर्भ की तरह होने और नौ महीनों तक तप करने के कारण इसे "गर्भ गुफा" अथवा "गर्भ जून" भी कहते हैं। शुरू में यह गुफा चौड़ी है लेकिन अंदर जाते-जाते इसका मार्ग संकीर्ण होता जाता है, रास्ता थोड़ा कठिन लगता है लेकिन माँ का ध्यान और नाम लेकर श्रद्धालु एक नई ताज़गी और उत्साह के साथ बाहर निकल जाते हैं।

वैष्‍णो देवी सलाह -

  • यदि सर्दियों में जम्मू जा रहे हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े ज्यादा लेकर जाएं

  • पहाड़ों पर आसानी से चढ़ने के लिए चप्पल या ऊँची हील्स की जगह जूते पहने

  • अपने साथ अपने पहचान पत्र दस्तावेज़ हमेशा रखें

  • यात्रा शुरू करने से पहले यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर से निःशुल्क यात्रा पर्ची जरूर लें

  • पोनी या पालकी करने से पहले पंजीकरण अवश्य जांच लें

  • कैमरा या कोई भी इलैक्ट्रोनिक उपकरण यात्रा में न लेकर जाएँ, मार्ग से भवन तक ये निषेध हैं

  • यात्रा के दौरान भारी सामान, कम्बल या अनावश्यक वस्तुएं कटरा में ही छोड़ दें, कम्बल या खाने पीने की सुविधा मार्ग से लेकर भवन तक निशुल्क प्रदान की जाती है

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