मैसूर के बारे में जानकारी - Mysore in Hindi

मैसूर के बारे में जानकारी - Mysore in Hindi

कर्नाटक राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर मैसूर (Mysore) है। इसे महलों का शहर (City of Palaces) भी कहा जाता है। मैसूर एक अहम पर्यटन स्थल (Tourist Place) है। मैसूर अपने भव्य महलों, चन्दन की लकड़ी, सिल्क की साड़ी, रेशमी कपड़ों और स्पेशल मैसूर मिठाई के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस शहर में संस्कृति तथा कला का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है। मैसूर का दशहरा विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस त्यौहार के दौरान मैसूर की रौनक देखने लायक होती है। मैसूर का वर्णन हो और यहां की बेमिसाल पेंटिग्स का वर्णन हो यह हो ही नहीं सकता। मैसूर की कला का एक बड़ा नगीना है यहां की पेंटिग्स (Mysore Paintings)। पर्यटक मैसूर महल तथा जगनमोहन महल आदि में कुछ बेहतरीन मैसूर पेंटिग्स देख सकते हैं इसके अलावा यह शहर "अष्टांग योग" के कारण बहुत प्रसिद्ध है। पर्यटक शहर में स्थित योग सेंटर से यह कला सीख सकते हैं। मैसूर के पर्यटक स्थलों (Tourist Places of Mysore) में मैसूर महल, चामुंडा पहाड़ी, जगनमोहन महल, मैसूर चिड़ियाघर, सेंट फिलोमेना चर्च आदि मुख्य हैं। बेहतरीन जगहों के साथ मैसूर अपनी साफ-सफाई के लिए भी काफी प्रसिद्ध है और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा साल 2014-15 में कराए गए एक सर्वे में इसे भारत का सबसे साफ शहर माना गया।  

मैसूर के बारे मे -

मैसूर में खरीदारी के कई विकल्प मौजूद हैं। यहां पर्यटक बहुमूल्य ऐतिहासिक वस्तुओं के साथ हैंडीक्राफ्ट का सामान भी खरीद सकते हैं। मैसूर अपने खूशबूदार चंदन की लकड़ी (Sandalwood) और उससे बने परफ्यूम के लिए भी प्रसिद्ध है। इन्हें यहां अवश्य खरीदना चाहिए। इसके अलावा मैसूर से सिल्क की साड़ियां (Mysore silk saris) भी खरीदी जा सकती हैं। मैसूर सिल्क साड़ियों की क्वालिटी अच्छी होती है। कला के शौक़ीन  यहां से पेंटिग्स भी खरीद सकते हैं।

मैसूर की यात्रा सुविधाएं -

  • दशहरे के दौरान बनाने मैसूर घूमने का प्लान से पहले होटल बुकिंग आदि का ख्याल रखें

  • मैसूर से सिल्क की साड़ी या कीमती हैंडीक्राफ्ट आइटम खरीदने के लिए सरकारी या पर्यटन विभाग की दुकानों को प्राथमिकता देनी चाहिए

  • यात्रा के दौरान जरूरी पहचान पत्र अवश्य साथ रखें

मैसूर का इतिहास -

मैसूर पर एक लंबे समय तक वाडियार राजघराने का अधिकार रहा है। आज भी मैसूर के शाही परिवार के तौर पर वाडियार परिवार (Wodeyar Rulers) के ही वंशजों को मान्यता प्राप्त है लेकिन मैसूर के इतिहास का एक बड़ा अध्याय टीपू सुल्तान की कहानियों से भी भरा है। मैसूर के इतिहास की बात की जाए तो लगभग 327 ई.पूर्व यहां सिकंदर ने आक्रमण किया था। इसके बाद मैसूर के उत्तरी भाग पर सातवाहन वंश के राजाओं ने राज किया। कुछ समय बाद एक लंबे समय तक यहां चोल शासकों का शासन रहा। आगे चल कर मैसूर पर वाडियार वंश का राज स्थापित हुआ जिन्होंने 1399 से लेकर 1761 और 1799 से लेकर 1947 तक मैसूर पर राज किया। 1761 से 1799 के बीच मैसूर पर टीपू सुल्तान और हैदर अली ने शासन किया। टीपू सुल्तान के शासन काल में शहर में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों को काफी नुकसान हुआ। हालांकि 1799 में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद मैसूर पर पुन: वाडियार वंश का राज स्थापित हुआ। टीपू सुल्तान और अंग्रेजों के बीच हुए चौथे युद्ध के बाद मैसूर ब्रिटिश राज के तहत देशी रियासत बनकर उभरा। इस दौरान राजा तो वाडियार वंश के थे लेकिन उसके साथ ही शहर में ब्रिटिश प्रशासन द्वारा एक दीवान की नियुक्ति भी की गई थी जो शहर के महत्वपूर्ण निर्माण कार्य आदि को देखते थे। 

मैसूर की सामान्य जानकारी -

  • राज्य - कर्नाटक

  • स्थानीय भाषाएं - कन्नड़ , तमिल, अंग्रेजी, हिन्दी 

  • स्थानीय परिवहन - टेम्पो, रिक्शा, ऑटो, तांगा, बस

  • पहनावा - यहां महिलाएं पारंपरिक रूप से साड़ी पहनती हैं। मैसूर में सिल्क की साड़ी बेहद प्रसिद्ध है। आज भी यहाँ की स्त्रियाँ सिल्क की साड़ी या सलवार-सूट पहनी दिखाई देती हैं। मैसूर में पुरुषों का पहनावा बिलकुल सामान्य है यानि पारंपरिक तौर पर धोती-कुर्ता या पायजामा और आम दिनों में पेंट-कमीज। लेकिन मैसूर में विशेष मौकों पर पुरुष सिर पर एक पगड़ी बांधते हैं जो बेहद खास होती है और इसे मैसूर पेटा (Mysore Peta) कहा जाता है। 

  • खान-पान - यहां के खान-पान में चावल और नारियल का प्रयोग अधिक होता है। दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ मैसूर में कुछ खास डिश (Cuisine of Mysore) बहुत चाव से खाई जाती हैं। यह डिशेज हैं थठे इडली (Thatte idli), कोसांबरी (kosambri), गोज्जू (gojju) आदि। मैसूर अपनी स्वादिष्ठ मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन मिठाइयों में मैसूर पाक, चितोरी (Chiroti) आदि प्रमुख हैं। 

मैसूर कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग द्वारा - By Flight

मैसूर एयरपोर्ट द्वारा मैसूर पहुंचना सबसे आसान है। हालांकि मैसूर एयरपोर्ट तक नियमित उड़ान नहीं हैं इसलिए बैंगलौर एयरपोर्ट (Bangalore Airport) से भी यहां पहुंचना अधिक आरामदायक माना जाता है। बैंगलौर एयरपोर्ट मैसूर से लगभग 186 किमी. की दूरी पर स्थित है। 

  • रेल मार्ग द्वारा - By Rail

मैसूर जंक्शन (Mysore Junction) के लिए देश के विभिन्न बड़े शहरों से सीधी ट्रेनें मिलती हैं। जंक्शन से शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों तक जाने के लिए ऑटो भी मिलते हैं। 

  • सड़क मार्ग द्वारा - By Road

मैसूर देश के विभिन्न शहरों से सड़क परिवहन द्वारा भी जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 209 और 766 के द्वारा मैसूर देश के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। 

मैसूर घूमने का समय -

मैसूर जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च का माना जाता है। इस दौरान मौसम में थोड़ी ठंडक होती है जिसे पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन माना जाता है। साथ ही इस दौरान यहां होने वाले दशहरे उत्सव का भी आनंद लिया जा सकता है। 

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in