कुल्लू के बारे में जानकारी - kullu in Hindi

कुल्लू के बारे में जानकारी - kullu in Hindi

भारत के प्रसिद्ध हिल स्टेशन में से एक कुल्लू (Kullu), हिमाचल प्रदेश की वादियों में स्थित है। कुल्लू की वादियां, प्राकृतिक वातावरण, ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त जगहें, धार्मिक स्थान आदि सभी इसे एक आदर्श हिल स्टेशन बनाती हैं। यहां चारों तरह फैली हरियाली के बीच फूलों का नजारा एकदम फिल्मी लेकिन हकीकत जैसा होता है। कुल्लू को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां देवता वास करते थे। भारत में जब मैदानी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ जाती है तब लोग अकसर पहाड़ों का रुख करते हैं और ऐसे में सबकी पहली पसंद होती है कुल्लू। कुल्लू में पर्वतारोहण के साथ पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग का भी आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा कुल्लू में रिवर राफ्टिंग से लेकर मछली पकड़ने और ट्रैकिंग तक का मजा लिया जा सकता है। यहां का दशहरा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। जब पूरे देश में दशहरा समाप्त हो जाता है, तब यहां दशहरा शुरु होता है।

कुल्लू के बारे मे -

खरीददारी करने के लिए कुल्लू में बहुत सारी जगहें हैं। कुल्लू में हैंडीक्राफ्ट्स के साथ ड्राई-फ्रूट्स और गर्म कपड़े आदि खरीदे जा सकते हैं। यहां के स्थानीय अचार भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं। कुल्लू का दशहरा दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सात दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार विजय दशमी यानि दशहरा के दिन शुरू होता है। इस पर्व के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय नृत्य पर्व का आयोजन किया जाता है। 

कुल्लू की यात्रा सुविधाएं -

  • कुल्लू का मौसम अकसर सर्द रहता है इसलिए गर्म कपड़े रखने का प्रयास करना चाहिए

  • मौसम के अनुसार कपड़े अवश्य साथ रखने चाहिए

  • कहीं भी जाते समय अपने सभी पहचान पत्र अपने साथ रखें

  • कुल्लू घूमने के दौरान स्थानीय गाइड की मदद भी ले सकते हैं

कुल्लू का इतिहास -

कुल्लू को मूल रूप से "कुल-अन्ती-पीठ" के रूप में जाना गया, जिसका अर्थ है बसने योग्य दुनिया का सबसे दूर बिंदु। कुल्लू का वर्णन रामायण, महाभारत, विष्णु पुराण जैसे महाकाव्यों में भी मिलता है। कहा जाता है कि कुल्लू की खोज त्रिपुरा के एक निवासी "विहंगमणि पाल" ने की थी। आजादी से पहले इस स्थान तब पहुंचना बेहद मुश्किल था। लेकिन आजादी के बाद कुल्लू को वास्तविक पहचान मिली। सिनेमा ने इस जगह को आम लोगों के बीच बेहद प्रसिद्ध बनाया। 

कुल्लू की सामान्य जानकारी -

  • राज्य - हिमाचल प्रदेश

  • स्थानीय भाषाएँ - हिंदी, अंग्रेज़ी, पहाड़ी

  • स्थानीय परिवहन - बस, रिक्शा व टैक्सी

  • पहनावा - कुल्लू में महिलाएं साड़ी को प्राथमिकता देती हैं। इसके साथ पटू जो एक प्रकार का गर्म कपड़ा है, भी पहना जाता है। पुरुष सामान्य तौर पर पेंट-शर्ट को तरहीज देते हैं। यहां लोग शॉल भी डाल कर रखते हैं।

  • खान-पान - पहाड़ों में स्थित इस खूबसूरत जगह पर चाय और कॉफी का स्वाद लेना नहीं भूलना चाहिए। यहां मिलने वाली एक खास डिश है कोदरा रोटी। यहां हर घर में लाल चावल और जौ से बनी वाइन "चकती" और "लुगरी" मिलती है।

कुल्लू के प्रमुख त्यौहार -

कुल्लू का दशहरा दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सात दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार विजय दशमी यानि दशहरा के दिन शुरू होता है। इस पर्व के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय नृत्य पर्व का आयोजन किया जाता है।

कुल्लू कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

कुल्लू पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है चंडीगढ़ (Chandigarh Airport)। यह हवाई अड्डा कुल्लू से कुछ ही दूरी पर स्थित है। 

  • रेल मार्ग - By Train

कुल्लू जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर, शिमला और चंडीगढ़ हैं। यहां से कुल्लू के लिए नियमित रूप से बस और टैक्सी मिल जाती हैं। 

  • सड़क मार्ग - By Road

भारत के सभी महानगरों से कुल्लू सड़क परिवहन के द्वारा जुड़ा हुआ है। दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ़, शिमला, देहरादू आदि जगहों से कुल्लू के लिए नियमित बसें भी चलती हैं।

कुल्लू घूमने का समय -

कुल्लू में मौसम अकसर सर्द रहता है। अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक का समय यहां घूमने के लिए आदर्श माना जाता है। नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में यहां बर्फबारी होती है, ऐसे में यहां बर्फ का तो आनंद लिया जा सकता है लेकिन बर्फबारी में फंसने का भी खतरा रहता है। 

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