फादर्स डे  पर सुशांत ने नहीं किया पिता को फोन
फादर्स डे पर सुशांत ने नहीं किया पिता को फोन

फादर्स डे पर सुशांत ने नहीं किया पिता को फोन

और न ही उसने पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा गाना ही गाया सुशांत के राजीव नगर के घर पर लगा है ढांढस बंधाने वालों का तांता पटना, 21 जून (हि.स.) । बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चले जाने की बात भले ही आम लोग भूल जाएं, लेकिन उनका परिवार आजीवन इस दर्द को नहीं भूल सकेगा। सुशांत के पिता अभी अपने बेटे के चले जाने के गम से उबरे नहीं हैं। सुशांत को गए हुए आज एक सप्ताह हो गया लेकिन उनके पिता की जुबान से अबतक कुछ गिने-चुने हुए शब्द ही निकल सके हैं। 18 साल पहले सुशांत सिंह राजपूत की मां जब इस दुनिया से चली गई थी. तब सुशांत बेहद छोटे थे। मां के चले जाने के बाद सुशांत का ख्याल उनके पिता केके सिंह ने ही रखा। घर में सुशांत को प्यार से सभी गुलशन बुलाते थे। पिता ने कभी गुलशन को मां की कमी महसूस नहीं होने दी। बावजूद इसके सुशांत अपनी मां को कभी भूल नहीं सके। सुशांत जब पटना में स्कूलिंग के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगे, तब से फादर्स डे का प्रचलन आया। सुशांत भले ही पटना में न रहें लेकिन वे फादर्स डे के दिन सुबह-सुबह अपने पापा को फोन जरूर किया करते थे। पापा को फादर्स डे की बधाई देते हुए सुशांत एक खास गाना सुनाते थे। पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने पापा को आमिर खान की फिल्म का एक पुराना गाना जरूर सुनाते थे। "पापा कहते हैं, बड़ा नाम करेगा" वाला गाना जब सुशांत अपने पापा को सुनाते थे तो वह अपने बेटे के दूर होने की उदासी भूल जाते थे। आज पहली बार ऐसा हुआ कि केके सिंह को उनके गुलशन ने न तो फादर्स डे की बधाई दी और न ही हर साल की तरह इस बार गाना ही सुनाया। मुंबई में बेटे सुशांत सिंह राजपूत की अंत्येष्टि के बाद उनकी अस्थियां लेकर पटना वापस आए पिता के के सिंह अपने परिवार के साथ राजीव नगर के आवास पर हैं। घर पर ढांढस बंधाने वालों के आने का सिलसिला जारी है, लेकिन केके सिंह की जुबान बेटे के जाने के गम में बंद हो चुकी है। आंखों से आंसू की चंद बूंदें निकलती हैं और किसी तरह बस अपने दोनों हाथ जोड़ लेते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन /विभाकर-hindusthansamachar.in

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