रविवार को होने वाला सूर्य ग्रहण संपूर्ण भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा
रविवार को होने वाला सूर्य ग्रहण संपूर्ण भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा

रविवार को होने वाला सूर्य ग्रहण संपूर्ण भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा

गुना, 18 जून (हि.स.)। भारत में दृश्य सूर्य ग्रहण का विस्तृत विवरण 21 जून रविवार को होगा। इस ग्रहण की कंकणाकृती केवल उत्तरी राजस्थान उत्तरी हरियाणा तथा उत्तराखंड राज्य के उत्तरी क्षेत्रों से गुजरेगी।इन कंकण मार्ग वाले क्षेत्रों में इस ग्रहण का परम ग्रास लगभग 99.4 प्रतिशत रहेगा जबकि शेष उत्तरी भारत में इसका परम ग्राहक सामान्यत: 90 प्रतिशत एवं मध्य भारत में इसका परम ग्राहक 70 प्रतिशत तथा दक्षिणी प्रांतों में 30 से 70 प्रतिशत तक ग्रहण होगा। भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण पूर्वी यूरोप ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर प्रशांत महासागर मध्य पूर्व एशिया, अफगाानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, वर्मा फिलीपिंस में दिखाई देगा। भू लोक पर इस कंकण ग्रहण का सूतक 20 जून को रात्रि 10 बजे प्रारंभ हो जाएगा। परम ग्रास 12.10 पर होगा। कंकड़ समाप्त 2.02 पर, ग्रहण समाप्त 3.04 पर होगा। ग्रहण की अवधि 5 घंटे 48 मिनट होगी। पंडित यशवंत राजोरिया के अनुसार ग्रहण अलग अलग शहरों में अलग अलग विम्बों में देखा जा सकेगा। चंद्र बिंब का केंद्र सूर्य बिंब के लगभग केंद्र पर होगा। जिससे उस समय सूर्य बिंब चमकदार भाग लगभग 38 सेकंड के लिए चारों ओर से समान रूप से दिखाई देगा। यह एक अद्भुत आकर्षक परिदृश्य होगा। यह ग्रहण कंकर सूर्य ग्रहण रविवार के दिन घटित हो रहा है। अत: इसे चूड़ामणि ग्रहण कहा जाता है। शास्त्रों में इस ग्रहण में स्नान दान जप पाठ पूजा आदि का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन कुरुक्षेत्र तथा तीर्थ क्षेत्रों पवित्र नदियों जलाशयों में स्नान करने का बहुत महत्व है। ग्रहण के समय क्या करें, क्या ना करें - जब ग्रहण का प्रारंभ हो रहा हो उस समय से पहले ही स्नान करके जब का संकल्प कर लेना चाहिए। - मध्य भाग में वेद पाठ करें ग्रहण का मोक्ष के समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर पुन: स्नान करना चाहिए। - सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की उपासना आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ सूर्य स्तोत्र का पाठ आदि करना चाहिए। - पका हुआ, अन्न कटी हुई सब्जी ग्रहण काल में दूषित हो जाती है। उन्हें उपयोग में नहीं लेना चाहिए। परंतु तेल घी दूध लस्सी मक्खन अचार चटनी मुरब्बा आदि तेल में कुश डाल कर रख देने से ग्रहण काल में दूषित नहीं होते हैं। - सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। - सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना अनावश्यक खाना-पीना निंद्रा तेल मर्दन झूठ कपट आदि वृथा आलाप नाखून काटने छोर कर्म कराने आदि से परहेज करना चाहिए। - गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटने शयन करने पापड़ सेकने आदि कार्यों से परहेज करना चाहिए। - ग्रहण काल में रोग शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना शुभ होता है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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