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सुकमा : कर्नाटक में बंधक 20 श्रमिक प्रशासनिक पहल पर वापस लौटे

सुकमा, 04 फरवरी (हि.स.)। जिला प्रशासन की पहल से कर्नाटक में फंसे बंधक 20 श्रमिकों को उनके गृह राज्य वापस लाया गया है। सुकमा जिले के कुछ युवा अधिक आय के लालच में मजदूरी करने कर्नाटक राज्य गए थे। वहां अधिक मजदूरी तो दूर की बात है, पूरा पारिश्रमिक भी नहीं मिला और इन्हे बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा था। इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम गठितकर इन मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया पूरी की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नाटक राज्य के कोलार जिले के बैरानहली में फंसे 20 श्रमिक गुरुवार को अपने गृह राज्य आकर राहत मिली है। वापस लौटे संतोष मंडावी, कोसा वेट्टीश्रमिकों ने बताया कि वे कर्नाटक में खेती संबंधी कार्य करने गए हुए थे। मालिक द्वारा पुरुष श्रमिकों को 12 हजार रुपये तथा महिला श्रमिकों को 09 हजाररुपये प्रति महीने की दर से पारिश्रमिक देने की बात कही गई थी। श्रमिकों से 12 घंटे से अधिक काम लिया जाता रहा और बदले में पारिश्रमिक भी नहीं दिया गया। रोजमर्रा के खर्च के लिए महीने में सिर्फ 500 रुपये मिलते थे। पिछले 17महीनों से श्रमिकों से बिना वेतन के काम लिया जा रहा था। इसके अलावा घर जाने की बात पर मालिक द्वारा मारपीट भी की गई। श्रमिकों ने अपनी सकुशल वापसी के लिए कलेक्टर एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रम निरीक्षक सतानंद नाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सुकमा जिले और सीमावर्ती राज्य ओडिशा से कुछ श्रमिक कर्नाटक राज्य के मालूर में मेसर्स रंगनाथ इंटरप्राइजेस में गाजर खेती संबंधी कार्य करने गए थे। झापरा ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा कलेक्टर जिला सुकमा के समक्ष इस बात की जानकारी प्रस्तुत की गई कि मालिक द्वारा श्रमिकों को घर वापस नहीं आने दिया जा रहा है। कलेक्टर जिला सुकमा द्वारा इसका संज्ञान लेकर त्वरित निराकरण का प्रयास शुरू किया गया और 05 सदस्यीय टीम गठित कर फंसे हुए श्रमिकों को वापस लाने की कार्रवाई की गई। कुल 20 श्रमिकों की वापस लाया गया है, जिसमें 10 सुकमा से तथा 10 श्रमिक सीमावर्ती राज्य ओडिशा के मलकानगिरी जिले से है। ओडिशा राज्य के श्रमिकों को उनके गृह ग्राम भेजने की कार्रवाई की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे-hindusthansamachar.in

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