प्रफुल्ल पटेल ने संदेश झिंगन और पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह को दी बधाई
प्रफुल्ल पटेल ने संदेश झिंगन और पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह को दी बधाई

प्रफुल्ल पटेल ने संदेश झिंगन और पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह को दी बधाई

नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने डिफेंडर संदेश झिंगन और पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह को क्रमशः प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार के लिए चयनित होने पर बधाई दी है। झिंगन अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले 27 वें फुटबॉलर हैं, जबकि सुखविंदर ध्यानचंद पुरस्कार पाने वाले तीसरे फुटबॉल कोच हैं। पटेल ने एक बयान में कहा, '' झिंगन के खेल की भावना और तप ने भारतीय फुटबॉल में हाल के दिनों में उनको एक उल्लेखनीय पहचान दिलाई है। आप पूरी तरह से इस सम्मान के हकदार हैं और हमें आप पर गर्व है। भारतीय ध्वज को ऊंचा रखें।'' उन्होंने कहा, "सुखविंदर सिंह ने भारतीय फुटबॉल को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह एक सफल कोच और कई सम्मान जीतने वाले खिलाड़ी रहे हैं। मेरी उन्हें हार्दिक बधाई।" एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास ने झिंगन को "महान रोल मॉडल" कहा। दास ने कहा कि झिंगन भारतीय फुटबॉलरों की नई पीढ़ी को दर्शाते हैं। वह कई युवाओं के लिए एक बेहतरीन रोल मॉडल हैं। वह अर्जुन पुरस्कार के योग्य हकदार हैं। यह भारतीय फुटबॉल के मान्यता का पुरस्कार भी है। उन्होंने कहा, "सुखविंदर सिंह का भारतीय फुटबॉल में योगदान अमूल्य है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई।" झिंगन ने 2015 में गुवाहाटी में भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया था और तब से, उन्होंने भारतीय टीम के लिए 36 मैच खेला है और चार गोल किए हैं। उन्होंने अब तक चार मौकों पर भारत की कप्तानी भी की है। एक सेंट्रल डिफेंडर के रूप में, उन्होंने भारत की कई यादगार जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें मुख्य रूप से इंटरकांटिनेंटल कप 2018 की खिताबी जीत और पिछले साल एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ ड्रॉ करना शामिल है। वहीं, राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में, सुखविंदर सिंह ने दो बार (1999, 2009) भारत को सैफ कप दिलाया है और उनके नेतृत्व में भारत ने 2001 में बेंगलुरू में फीफा विश्व कप क्वालीफायर में यूएई को हराया था। क्लब स्तर पर, वह एक कोच के रूप में राष्ट्रीय फुटबॉल लीग (एनएफएल), फेडरेशन कप, आईएफए शील्ड और डूरंड कप चैंपियन रहे हैं। एक खिलाड़ी के रूप में, उन्होंने 1975 में अपनी वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम की शुरुआत की और भारत के लिए 22 मैच खेले। उन्होंने जेसीटी क्लब के लिए भी खेला और संतोष ट्रॉफी में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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