टीम इंडिया क्वालीफाई ट्रायल की तैयारी में जुटी रिमझिम

टीम इंडिया क्वालीफाई ट्रायल की तैयारी में जुटी रिमझिम
टीम इंडिया क्वालीफाई ट्रायल की तैयारी में जुटी रिमझिम

घुटनो में चोट से खेलों इंडिया यूथ गेम्स से हुई थी बाहर मीरजापुर, 04 अगस्त (हि.स.)। नगर के भरूहना की बेटी नेशनल वेट लिटर व स्पोर्ट एथार्टी आफ इंडिया (साई) रिमझिम सिंह चौहान कोविड-19 संक्रमण के चलते इंडिया क्वालीफाई ट्रायल फतह करने के लिए अपने घर में ही पसीना बहा रहीं है। चयन ट्रायल फरवरी 2021 में होगा। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने में पर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। बीएसएनएल से अवकाश प्राप्त पिता की बेटी रिमझिम के हौसले बुलंद हैं। उसे हरियाणा व दिल्ली की टीम से खेलने का ऑफर मिल रहा है, जहां उसे तैयारी की पूरी सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन वह अभी यूपी सरकार से सहायता की उम्मीद लगाये बैठी है। कहीं अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स केएम चंदा की तरह इस खिलाड़ी को तराशने में देर न हो जाये। बीएसएनएल में वरिष्ठ लिपिक रहे तेज बहादुर सिंह की पुत्री दो भाई पांच बहनों में सबसे छोटी रिमझिम इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा पास कर चुकी है। राष्ट्रीय विद्यालयी भारोत्तोलन अंडर-19 प्रतियोगिता के वेट लिफ्टिंग में प्रदेश से प्रतिभाग करते हुए कुल 126 किलोग्राम वर्ग भार उठाकर चौथा स्थान हासिल किया था। इस उपलब्धि को हासिल कर लेने पर उसे टीम इंडिया क्वालीफाइ ट्रायल के लिए चयनित कर लिया गया है। दो वर्ष पूर्व से भारत सरकार द्वारा संचालित स्पोर्ट एथार्टी आफ इंडिया (साई) मणिपुर इम्फाल से प्रशिक्षण लेते हुए वेट लिफ्टिंग में प्रदेश से खेलने वाली रिमझिम निश्चित ही जिले की खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल साबित हुई है। वह 5 अगस्त को बाबतपुर एयरपोर्ट से साई मणिपुर के लिए उड़ान भरेगी। रिमझिम ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि मैं देश के लिए खेलना चाहती हूं। कोविड-19 के चलते सुविधाओं का होना जरूरी है। मेरे पास किट नहीं हैं, काश औरों की तरह हमें भी कुछ सहायता जिले व प्रदेश सरकार से मिलता। घुटने में इंजरी के चलते खेलों इंडिया से हुई थी बाहर नेशनल वेट लिफ्टर में अपनी पहचान के लिए शुमार रिमझिम घुटने में इंजरी के चलते असम के गुवाहाटी में 10 से 22 जनवरी के बीच सम्पन्न हुई भारत सरकार की सबसे बड़ी खेल आयोजन खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 में चयनित होने के बाद भी घुटने में इंजरी होने से प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा था। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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