कोहली असाधारण खिलाड़ी,अपने दम पर ही मैच जीता सकते हैं : डेविड गॉवर
कोहली असाधारण खिलाड़ी,अपने दम पर ही मैच जीता सकते हैं : डेविड गॉवर

कोहली असाधारण खिलाड़ी,अपने दम पर ही मैच जीता सकते हैं : डेविड गॉवर

जयपुर,02 सितम्बर (हि.स.)। इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर और कमेंटेटर डेविड गॉवर ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि वह अपनी टीम में एक असाधारण खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर ही मैच जीता सकते हैं। गॉवर, ने स्पोर्ट्स टाइगर के शो “ऑफ-द-फील्ड’ में कहा, “मुझे विराट कोहली में उनकी प्रतिभा के अलावा जो सबसे ज्यादा पसंद है वह है खेल के प्रति उनका जुनून। क्रिकेट एक ऐसा खेल हैं जहां एक खिलाड़ी भी खेल को पलट सकता है, लेकिन एक खिलाड़ी पर निर्भर होना भी हानिकारक हो सकता है, लेकिन विराट कोहली अपनी टीम में एक असाधारण खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर ही पूरी टीम को जिता सकते हैं।” आईपीएल के बारे में बात करते हुए, गॉवर ने कहा, “मुझे लगता है कि कुल मिलाकर आईपीएल घरेलू क्रिकेटरों और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के लिए बहुत अच्छा रहा है। एकदिवसीय मैचों की शुरूआत के बाद से खेल का प्रारूप छोटा हो गया है, फील्डिंग का लेवल भी शानदार हो गया है। मैं समझता हूं कि आईपीएल के पहले दिन की शुरूआत से ही टी20 में बहुत बदलाव हुआ है, क्योंकि आईपीएल ने उन खिलाड़ियों को मौका दिया जिनका करियर अंत की ओर था। लेकिन अब इस खेल में युवा खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है, मैं मानता हूं की ये खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा ट्रेनिंग ग्राउंड है।“ हालांकि उन्होंने इस बात का विरोध किया कि आईपीएल एक महान टेस्ट खिलाड़ी नहीं बनाता है, लेकिन आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी बहुत बड़ी राशि कमाते हैं। उन्होंने कहा, “कीरोन पोलार्ड दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी 20 खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन उन्हें पता है और मैं भी यह भी जानता हूं कि वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकते, उनके पास टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए पर्याप्त क्षमता नहीं हैं।“ भारत और ऑस्ट्रेलिया में के बीच खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने के अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर, गॉवर ने कहा कि, 1980 में मुंबई में जुबली टेस्ट मैच था, और उन दिनों में टेस्ट मैचों में स्टेडियम दर्शकों से भरे होते थे। मैदान में 50,000 लोगों का शोर होता था जो कि भारत का समर्थन करते थे। मैनें लोगों से हमेशा कहा है कि आप भारत या मेलर्बन जा रहे हैं तो यह दोनों अलग-अलग अनुभव है। उदाहरण के लिए मेलबर्न में एशेज के दौरान बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेला जाता है तो उस समय ग्राउंड में लगभग 80-90,000 लोग होते हैं, जिसमें से 79,990 लोग ऑस्ट्रेलिया का समर्थन कर रहे होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, यह एक इम्तिहान की घड़ी होती है, क्योंकि आप जब मैदान से बाहर जा रहे होते हैं और आपको पता होता है दर्शकों की सारी भीड़ विपक्षी टीम का समर्थन कर रही होती है, उस समय दर्शकों के सामने सही प्रतिक्रिया देना एक कड़ी चुनौती होता है। गॉवर, जिन्होंने एशेज में इंग्लैंड की कप्तानी की है और आठ एशेज सीरीज में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया है, ने सीरीज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “इस सीरीज का शानदार इतिहास रहा है, एक इंग्लिश और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के लिए इसका मतलब डॉन ब्रैडमैन, कीथ मिलर, लेन हटन, वैली हैमंड और डब्ल्यूजी ग्रेस का इतिहास है। पहली बार जब मैं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ड्रेसिंग रूम में था, तो मैं आस-पास देख रहा था और सोच रहा था कि इतिहास के बहुत से महान खिलाड़ियों की यादें इन कमरों के साथ जुड़ी हुई है, ये एशेज सीरीज का इतिहास बयान करती है।“ गॉवर ने इंग्लैंड के लिए 117 टेस्ट एवं 114 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमशः 8231 एवं 3170 रन बनाए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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