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ओलंपिक (कुश्ती) : बजरंग ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल में भारत के लिए जीता कांस्य (लीड-2)

टोक्यो, 7 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के बजरंग पहलवान ने शनिवार को शानदार सफलता हासिल करते हुए फ्रीस्टाइल कुश्ती के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीत लिया है। बजरंग ने इस तरह भारत की झोली में चौथा कांस्य और कुल छठा पदक डाला है, जो अब नीरज चोपड़ा द्वारा भाला फेंक में जीते गए स्वर्ण के बाद 8 सात हो गया है। माकुहारी मेसे हॉल-ए मैट बी पर बजरंग का सामना कजाकिस्तान के दौलत नियाबेकोव से था। बजरंग ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखते हुए इस मुकाबले को 8-0 से अपने नाम किया और विश्व चैम्पियनशिप, एशियाई चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों के बाद अपने नाम ओलंपिक पदक भी कर लिया है। इस मुकाबले में बजंरग इस तरह हावी रहे कि उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में दो बार पदक जीत चुके दौलत को एक भी अंक नहीं लेने दिया। बजरंग ने राउंड आफ-8 मुकाबले में किर्गिस्तान के इरनाजार अकामातालीव को हराया था। इसके बाद वह क्वार्टर फाइनल में ईरान के मुर्तजा घियासी के खिलाफ विजयी रहे थे लेकिन सेमीफाइनल में वह अजरबैजान के हाजी अलीयेव के हाथों बुरी तरह हार गए थे। अब टोक्यो में भारत के कुल सात पदक हो गए हैं। यह लंदन ओलंपिक से बेहतर है जहां भारत ने दो रजत और चार कांस्य जीते थे। नीरज और बजरंग के अलावा भारोत्तोलक मीराबाई चानू (रजत), पहलवान रवि कुमार दहिया (रजत), बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (कांस्य), मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (कांस्य) और पुरुष हॉकी टीम (कांस्य) टोक्यो में भारत के लिए अन्य पदक विजेता हैं। कुश्ती में भारत का यह सातवां पदक है, जिसमें दो रजत और पांच कांस्य पदक शमिल हैं। सुशील कुमार (लंदन 2012) और रवि कुमार दहिया (टोक्यो 2020) ने रजत पदक जीते, जबकि केडी जाधव (हेलसिंकी 1952), सुशील कुमार (बीजिंग 2008), योगेश्वर दत्त (लंदन 2012), साक्षी मलिक (रियो 2016) और बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीता। पुनिया, जिन्होंने अपने गुरु योगेश्वर दत्ता के लिए लंदन ओलंपिक से बाहर होने का विकल्प चुना था, ने आखिरकार शनिवार को मकुहारी मेस्से हॉल में नियाजबेकोव को आराम से हराकर अपने पहले ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता और अपना सपना पूरा किया। --आईएएनएस जेएनएस

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