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हापुड़ : सुविधाओं के अभाव में बर्बाद हो रही खिलाड़ियों की प्रतिभा

-राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनपद का नाम रोशन कर चुके हैं खिलाड़ी -खिलाड़ियों की लगातार मांग के बावजूद जनपद में नहीं बन पा रहा स्टेडियम हापुड़, 18 फरवरी (हि. स.)। विगत एक दशक में जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं ने खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव होने के बावजूद युवाओं का इच्छाशक्ति बेहद मजबूत है। इसी इच्छाशक्ति के बलबूते पर उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। जनपद में चुनावी परिदृश्य से खेल और खिलाड़ी पूरी तरह से गायब हैं। कोई भी राजनैतिक दल खेल और खिलाड़ियों की बात नहीं कर रहा है। कोई यह नहीं पूछ रहा कि खिलाड़ियों को देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए क्या सुविधाएं चाहिए। जनपद को बने हुए करीब आठ साल हो गए, लेकिन अभी तक स्पोर्टस स्टेडियम तक नहीं बन सका है। चुनावी सभाओं में स्टेडियम को लेकर सभी राजनीतकि दलों द्वारा लंबे चैड़े वायदे किए गए। परंतु, उन पर अमल नहीं किया गया। आनंद विहार योजना में स्टेडियम के लिए भूमि का चयन किया गया था, लेकिन वहां अब स्टेडियम बनने के बजाय प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास बन रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों को मजबूर होकर दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ जाकर स्टेडियमों में विभिन्न खेलों की तैयारी करनी पड़ रही है। इसके बावजूद जनपद के कई खिलाड़ी विदेशी धरती पर कई बार तिरंगा लहरा चुके हैं। उसके बाद भी उनकी उपेक्षा की जा रही है। जनपद में न तो खेल के मैदान हैं और न अन्य सुविधाएं। जनपद के युवा खिलाड़ी ऊबड़-खाबड़ रास्तों और खेतों में विभिन्न खेलों की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में प्रतिभाओं को निखारने का मौका नहीं पा रहा है। इन परिस्थितियों में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि जिले की दबी हुई प्रतिभाओं को निखारकर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। जनपद की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए़ वर्ष 2015 में हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने आनंद विहार योजना में लगभग बीस हजार मीटर भूमि खेल विभाग को लीज पर दी थी। इस भूमि के मिलने के बाद जनपद के खिलाड़ियों में खुशी का माहौल बन गया था। खिलाड़ियों का मानना था कि स्टेडियम बनने से उन्हें बेहतर प्रशिक्षक के साथ-साथ अन्य सुविधाएं मिल सकेगी ताकि वह राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिता में भाग ले सकें। प्राधिकरण द्वारा स्टेडियम के लिए जो भूमि दी गई है वह काफी कम है। कम से कम स्टेडियम के लिए 35 हजार वर्ग मीटर चकोर भूमि की आवश्यकता होती है। जिसमें चार सौ मीटर का ट्रैक, बहुउद्देश्यीय तैयारी के लिए स्वीमिंग पुल आदि बनाया जा सके। खिलाड़ियों ने जिला खेल समिति की बैठक में कई बार उच्च अधिकारियों के सामने स्टेडियम की भूमि पूरी कराने की मांग रखी परंतु आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल सका। आखिरकार इस भूमि को हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण को वापस दे दिया गया और वहां प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनाए जा रहे हैं। विदेशों में भी कर चुके हैं भारत का नाम रोशन सीमित संसाधन और सुविधाओं का टोटा होने के बाद भी जनपद के 60 से अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में जनपद का नाम रोशन कर चुके हैं। यहां के खिलाड़ियों ने देश के साथ-साथ विदेशों में भी भारत का परचम लहराया है। जनपद के गांव धनौरा निवासी कार्तिक त्यागी ने अपनी प्रतिभा के बलबूते पर पहले 19 वर्षीय खिलाड़ियों की भारतीय क्रिकेट टीम में, फिर आईपीएल में और अब भारतीय क्रिकेट टीम में अपना स्थान पक्का किया है। हापुड़ के मोहल्ला चमरी निवासी अमित त्यागी ने जूनियर एशियाड खेलों में गोला फेंक में पदक प्राप्त किया था। पिलखुवा के प्रमोद तेवतिया, पुलकित तेवतिया ने जूनियर विश्व पावर लिफ्टिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। एशियाड में शूटिंग प्रतियोगिता में शैंकी नागर ने पदक प्राप्त किया था, तैराकी पेंटाथलोन नेशनल में स्वर्ण पदक जीता था। हापुड़ के विनेश त्यागी ने एशियार्ड खेलों में भारोत्तोलन में पदक जीता था। इसके अलावा बैंडमिंटन में पुनीत कुमार शर्मा, एथलेटिक्स में महेश सैनी, मदन सैनी, कुश्ती में रामकुमार त्यागी, भारोत्तोलन में अशोक त्यागी ने, वेटलिफ्टिंग में डा. सुर्दशन त्यागी ने राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिता जीती हैं। क्या कहते हैं खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के पूर्व एथलेटिक खिलाड़ी मदन सैनी ने कहा कि हापुड़ एनसीआर का महत्वपूर्ण जनपद है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराने और खिलाड़ियों की तैयारी के लिए एक स्तरीय स्टेडियम की बहुत आवश्यकता है। बिना मैदान और बिना सामान खिलाड़ी कैसे अभ्यास करें। अफसरों और जनप्रतिनिधियों को इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर स्टेडियम का निर्माण कराना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर के पूर्व बैंडमिन्टन खिलाड़ी पुनीत शर्मा ने बताया कि स्टेडियम की मांग काफी समय से उठाई जा रही है लेकिन, कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। जब तक स्टेडियम नहीं बनेगा, खिलाड़ी कैसे तैयारी कर पाएंगे। क्या कहते हैं अपर जिलाधिकारी अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने बताया कि स्टेडियम के लिए भूमि की तलाश कराई जा रही है। पूरा प्रयास है कि जिले में स्टेडियम बन सके। इस सम्बन्ध में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से कई बार चर्चा की जा चुकी है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने जनपद प्रशासन को आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही स्टेडियम के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश कर प्रशासन को सौंप दी जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ विनम्र व्रत/दीपक-hindusthansamachar.in

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