सहारनपुर में घर वापिस जाने के लिए शिमला से पैदल निकले 15 मजदूर, पुलिस ने समझाकर रोका
सहारनपुर में घर वापिस जाने के लिए शिमला से पैदल निकले 15 मजदूर, पुलिस ने समझाकर रोका

सहारनपुर में घर वापिस जाने के लिए शिमला से पैदल निकले 15 मजदूर, पुलिस ने समझाकर रोका

सहारनपुर में घर वापिस जाने के लिए शिमला से पैदल निकले 15 मजदूर, पुलिस ने समझाकर रोका शिमला, 29 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश और सहारनपुर के करीब 15 मजदूर घर वापिस जाने के लिए शिमला से पैदल निकल पड़े। शिमला स्थित विक्ट्री टनल के पास पुलिस ने नाके के दौरान इन मजदूरों को रोका गया,लेकिन इनका कहना था कि दिहाड़ी लग नहीं रही है वे यहां रहकर करेंगे क्या और क्या खाएंगे। मजदूरों का कहना था कि ठेकेदार ने उनके कमरे का एक महीने का किराया एडवांस में दिया है। यदि कफर्यू एक महीने तक लगा रहा तो उनके पास किराया देने को भी पैसे नहीं है। पुलिस ने उन्हें समझाया। पुलिस की तरफ से मजदूरों को बताया गया कि ये कफर्यू तंग करने के लिए नहीं बल्कि आप और आपके स्वजनों की मदद के लिए है। कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में घरों से बाहर निकलना न केवल उनके लिए बल्कि उनके स्वजनों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। पुलिस ने उन्हें सहायता नंबर भी दिये। मजदूरों को कहा गया कि यदि कोई दिक्कत या परेशानी है तो जिला प्रशासन को फोन करें। वे रहने और खाने पीने की व्यवस्था करेगी। गौरतलब है कि राजधानी शिमला में मजदूर और गरीब लोगों की सहायता के लिए कई संथाएं आगे आई है। शिमला की सनातन धर्म सभा के अलावा अलमाईटी ब्लैसिंग संस्थाए गुरू सिंह सभा ने लोगों को राशन सहित खाना उपलब्ध करवा रही है। संस्थाएं लोगों से अपील कर रही है कि वह घर में बने रहे यदि खाने पीने की कोई दिक्कत है तो उन्हें घर पर ही खाना उपलब्ध करवाया जाएगा। संस्थाओं ने लोगों से भी अपील की है कि वह अपने आसपास के लोगों की इस मुश्किल घड़ी में मदद करें जहां तक हो सके खाना उपलब्ध करवाए। उधर इस मामले में एसपी शिमला ओमापति जमवाल ने कहा कि कई मजदूर पैदल ही जा रहे हैं। उन्हें समझाकर वापिस भेजा जा रहा है। यदि खाने पीने की व्यवस्था उनके पास नहीं है तो इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। पुलिस बोले कफर्यू तंग करने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील-hindusthansamachar.in

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