चीन ने छात्रों को चेताया, ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले करें विचार
चीन ने छात्रों को चेताया, ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले करें विचार

चीन ने छात्रों को चेताया, ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले करें विचार

नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। कोरोना महामारी के दौरान एशिया के लोगों को लक्षित कर होने वाली जातिवाद की घटनाओं का हवाला देते हुए चीन ने विदेशों में पढ़ाई करने वाले अपने छात्रों से कहा है कि वहां पढ़ने करने से पहले वे अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें। दरअसल, चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने कोरोना से कारण उपजे जातीय भेदभाव और हिंसा के कारण लोगों को ऑस्ट्रेलिया ना जाने की सलाह दी थी, जिसके बाद अब शिक्षा मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है। शिक्षा मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है उसमें कहा गया है कि वह ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले इस जोखिम का मूल्यांकन कर लें और इस पर पहले सावधानी से विचार करें। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री साइमन बिर्मिंघम ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया ने जातिवाद को खत्म करने के लिए एक प्रक्रिया की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि हमारा देश जातिवाद को लेकर होने वाली किसी भी तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उल्लेखनीय है कि सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अखबार ने रविवार को बताया कि पेर कैपिटा थिंक टैंक ने एक सर्वेक्षण किया जिसमें 386 नस्लीय घटनाओं का दस्तावेजीकरण किया गया था। जिसमें दुर्व्यवहार से लेकर शारीरिक क्षति और थूकना तक शामिल था। ये सभी मामले 2 अप्रैल के बाद सामने आए। ऑस्ट्रेलिया ने चीन से फैले कोरोना के प्रकोप के वैश्विक महामारी बनने और इससे संबंधित अंतरराष्ट्रीय जांच का प्रस्ताव दिया है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर आयात पर शुल्क लगाया है और कुछ प्रमुख जगहों पर बीफ के आयात पर भी रोक लगा दी है। हिन्दुस्थान समाचार/सुप्रभा सक्सेना/कुसुम-hindusthansamachar.in

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