श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति में आरटीआई परिधि में
श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति में आरटीआई परिधि में

श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति में आरटीआई परिधि में

मंदसौर, 20 जून (हि.स.)। सूचना का अधिकार अधिनियम वर्ष 2005 में ही पूरे देश में लागू हो गया था, लेकिन कुछ कार्यालयों एवं प्रबंध समितियों ने इसे आज तक भी अपने यहां लागू नहीं किया। ऐसा ही एक कार्यालय श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति का है, जिसका पदेन अध्यक्ष कलेक्टर एवं सचिव अनुविभागीय अधिकारी मंदसौर है। इस मंदिर समिति को शासन से समय-समय पर निर्माण कार्यों सहित अन्य विकास कार्यों हेतु अनुदान भी मिलता है। शासन से वित्त पोषित होने के बाद भी मंदिर प्रबंध समिति के सचिव एवं प्रबंधक द्वारा कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अंतर्गत आवेदकों को जानकारी नहीं दी जा रही थी। इस कार्यालय में आरटीआई वैसे तो तत्कालीन राज्य सूचना आयुक्त डाॅ. हीरालाल त्रिवेदी के समय से ही लागू हो चुका था, लेकिन मंदिर समिति प्रबंधक जानकारी सार्वजनिक करने से हमेशा कतराता रहा। इस कार्यालय में आरटीआई लागू करवाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रथम अपील जिला कलेक्टर मंदसौर में दर्ज करवाई। प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान श्री पशुपतिनाथ मंदिर समिति के पदेन सचिव एवं अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि मंदिर समिति सूचना अििधकार अधिनियम 2005 की धारा 2 की उपधारा एच के अंतर्गत नहीं आती है। इसी सुनवाई में आवेदन रानेरा ने तत्कालीन राज्य सूचना आयोग डाॅ. हीरालाल त्रिवेदी द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए बताया कि आयुक्त एवं कलेक्टर जिन मंदिर समितियों के पदेन अध्यक्ष है और जिन्हें शासन से अनुदान प्राप्त होता है वे सभी मंदिर समितियां सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के दायरे में आती है। धर्मेन्द्रसिंह रानेरा के इस तर्क से संतुष्ट होकर अपर कलेक्टर बीएल कोचले ने श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति के लोक सूचना अधिकारी को रिकार्ड अनुसार जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिनांक 12 जून 2020 को पारित किया। हिन्दुस्थान समाचार, अशोक-hindusthansamachar.in

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