कोरोना का खतरा न तो घटा है और न ही हटा है, सावधानी जरूरी है : ऋगवेद ठाकुर
कोरोना का खतरा न तो घटा है और न ही हटा है, सावधानी जरूरी है : ऋगवेद ठाकुर

कोरोना का खतरा न तो घटा है और न ही हटा है, सावधानी जरूरी है : ऋगवेद ठाकुर

मंडी, 01 जून (हि. स.)। करीब दो -ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद केंद्र व राज्य सरकार की ओर से अब अनलॉकिंग की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उपायुक्त मंडी ऋगवेद ठाकुर ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि कोरोना का खतरा न तो अभी घटा है और न ही अभी हटा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के उद्देश्य से कफ्र्यू में सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक ढील दी जा रही है। जबकि रात आठ से सुबह छह बजे तक कफ्र्यू बदस्तूर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि चार दौर के लॉकडाउन ने लोगों की मानसिकता को बदल कर रख दिया है। उन्होंने बताया कि मंडी शहर में अब रात के आठ बजे ही कफ्र्यू शुरू होने के दौरान ही सायरन बजा करेगा। यह बीमारी कितनी खतरनाक है इस बात का अहसास भी अब लोगों को हो गया है, वहीं पर यह एक तरह से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आपातकाल की स्थिति बन गई है। उपायुक्त ने कहा कि इस दौरान प्रशासन की रिसपॉंस करने की क्षमता में भी बढा़ेतरी हुई है। उपायुक्त ने बताया कि मंडी जिला में कोराना संक्रमित लोगों के उपचार की क्षमता भी बढ़ी है। अकेले नेरचौक मेडिकल कालेज में 100 से 120 कोरोना पीडि़त मरीजों के उपचार की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में दूसरे जिलों से भी मरीज उपचार के लिए भेजे गए हैं। अब तक मंडी में 20 मरीजों का उपचार हुआ है। उन्होंने बताया कि अब एक जिले से दूसरे जिले में आने जाने केलिए पास की जरूरत नहीं रहेगी। जिसके चलते मंडी जिला के बार्डर पर लगी पोस्ट हटा दी गई है। जिससे अंतर जिला आवागमन बिना किसी व्यवधान के पूरा हो सके। जबकि बाहर से आने वालों को पास लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि 48 घंटों में मंडी से बाहर जाकर वापस आने वालों को भी कोरंटाईन नहीं किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि अब तक मंडी जिला में बाहर से 12339 लोग पहुंचे हैं। जिनमें से 775 संस्थागत और 2700 होम क्वारंटाइन हुए हैं। उपायुक्त ने बताया कि पहली जून से जिला में बसों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। जिसका फीडबैक भी लिया जा रहा है। मगर अभी तक धार्मिक स्थलों को खोलने केलिए आठ जून तक का इंतजार करना होगा। उन्होंने बताया कि आठ जून के बाद मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे सभी धार्मिक स्थलों को खोलने बारे निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से गाईड लाइन जारी की जाएगी। उसी के आधार पर धार्मिक स्थलों को खोलने बारे निर्णय लिया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील-hindusthansamachar.in

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