छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक संत परम्परा पर शोध संगोष्ठी का आयोजन 26 व 27 फरवरी को

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रायपुर, 24 फरवरी (हि. स.)। संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्त्व द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर स्थित सभागार में 26 एवं 27 फरवरी को दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी का शुभारंभ 26 फरवरी को सुबह 10.30 बजे होगा। इस दो दिवसीय संगोष्ठी में छह सत्र होंगे, जिसमें छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक संत परम्परा पर शोध पत्रों का वाचन होगा। प्रथम आकादमिक सत्र की अध्यक्षता डॉ. सुशील त्रिवेदी करेंगे। स्वामी विवेकानंद जी पर डॉ. ओ.पी. वर्मा वक्तव्य देंगे। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. केशरी लाल वर्मा करेंगे। वक्ता डॉ. बालचंद कछवाहा स्वामी आत्मानंद जी पर वक्तव्य देंगे। तृतीय सत्र में डॉ. अनिल भतपहरी गुरू घासीदास जी पर वक्तव्य देंगे एवं अध्यक्षता डॉ. परदेशी राम वर्मा करेंगे। अकादमिक सत्र के उपरांत संत परम्परा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वामी विवेकानन्द का अवदान गीत, भीनेज देवांगन एवं साथियों द्वारा एवं दिनेश कुमार जांगड़े एवं साथियों द्वारा पंथी नृत्य की प्रस्तुति होगी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के संतों पर देश-विदेश में जारी दुर्लभ डाक टिकट व सिक्कों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत एवं अध्यक्षता संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद करेंगे। चतुर्थ सत्र का शुभारंभ 27 फरवरी को सुबह 11.00 बजे होगा। जिसकी अध्यक्षता आचार्य रमेन्द्रनाथ मिश्र करेंगे। प्रो. एल.एस. निगम स्वामी वल्लभाचार्य पर वक्तव्य देंगे। पंचम सत्र की अध्यक्षता प्रो. चन्द्रशेखर गुप्त एवं वक्ता डॉ. सत्यभामा आडिल संत कबीरदास एवं धनी धर्मदास पर वक्तव्य देंगे। षष्टम अंतिम सत्र की अध्यक्षता डॉ. आभा रूपेन्द्र पाल एवं वक्ता डॉ. ब्रजकिशोर प्रसाद महर्षि महेश योगी के भावातीत ध्यान और डॉ पुनीत कुमार राय गहिरा गुरू पर वक्तव्य देंगे। सायं 4.30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वामी आत्मानंद गाथा डॉ. पुरूषोत्तम चंन्द्राकर एवं साथियों द्वारा और हेमदास कुरें एवं साथियों द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति के बाद सायं 6.30 बजे संगोष्ठी का समापन होगा। हिन्दुस्थान समाचार/गायत्री प्रसाद

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