रथ यात्रा रोका जाना भक्तों के लिए दुखदायी : शुकामृत दास
रथ यात्रा रोका जाना भक्तों के लिए दुखदायी : शुकामृत दास

रथ यात्रा रोका जाना भक्तों के लिए दुखदायी : शुकामृत दास

खूंटी, 24 जून (हि.स.)। हरे कृष्ण प्रचार केंद्र खूंटी के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ के शुकामृत दास द्वारा श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर जगन्नाथ कथा का ऑनलाइन प्रवचन किया गया। मौके पर खूंटी नगर वासियों के बीच जगन्नाथ महाप्रसाद भंडारा का वितरण किया गया। प्रवचन करते हुए शुकामृत दास ने कहा कि कोरोना परिस्थिति से रथ यात्रा का रोका जाना भक्तों के लिए दुखदायी व आध्यात्मिकता के लिए अशुभ लक्षण है। यह पूरी मानव जाति के लिए यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कलयुग के लिए भगवान जगन्नाथ इतने भक्तवत्सल व दयालु हैं कि अपनी खुली भुजाओं से वर्ण, जाति, पंथ मजहब पापी से पापी, अधम जीवो के लिए भी आलिंगन करने के लिए स्वयं मंदिर से सड़क व गलियों में निकल आते हैं। हम आज की स्थिति में हम मंदिर जाने से कतराते हैं। वह किसी से भेदभाव नहीं करते। किसी कारणवश कोई जीव अगर जगन्नाथ जी का दर्शन न भी कर पा रहा हो तो शास्त्रानुसार अगर वह मंदिर के बाहर से सुदर्शन चक्र का भी दर्शन कर लेता है, तो उसके सारे पाप कर्म मिट जाते हैं। भगवान जगन्नाथ की पलकें नहीं होती। वह 24 घंटा अपने भक्तों को देखना चाहते हैं। अपनी संतति की भांति सभी को अलौकिक दिव्य प्रेम से अंजित रखते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/ वंदना-hindusthansamachar.in

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