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रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीते दो सालों में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की संख्या छह से बढ़कर नौ हुई

दो जिला चिकित्सालय, एक सिविल हॉस्पिटल स्थापित रायपुर, 16 अप्रैल (हि.स.) । छत्तीसगढ़ में बीते दो सालों में स्वास्थ्य सुविधा को जनोन्मुखी बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कारगर प्रयास किए गए हैं। इसके चलते राज्य के स्वास्थ्यगत अधोसंरचना में बढ़ोतरी होने के साथ ही स्वास्थ्य अमले में भी वृद्धि हुई है। बीते दो सालों में राज्य में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की संख्या छह से बढ़कर नौ, जिला चिकित्सालयों की संख्या 26 से बढ़कर 28 तथा सिविल अस्पताल की संख्या 19 से बढ़कर 20 हो गई है। बीते दो सालों में 50 बिस्तर वाले 15 तथा 100 बिस्तर वाले छह एमसीएच अस्पताल स्थापित किए गए हैं। इस अवधि में छह नए उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी स्थापित किया गया है। राज्य में बीते दो सालों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि विशेषज्ञ, चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों सहित मेडिकल स्टाफ की संख्या 18,458 से बढ़कर 20,405 हो गई है, जिसमें विशेषज्ञ, चिकित्सकों की संख्या 175 से बढ़कर 319, चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1359 से बढ़कर 1818 और स्टाॅफ नर्स की संख्या 2580 से बढ़कर 4091 हो गई है। वर्तमान में 300 चिकित्सा अधिकारियों, 92 स्टाफ नर्स, 50 मेडिकल लैब टेक्नॉलाजिस्ट तथा 146 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (महिला) की भर्ती प्रक्रियाधीन है। राज्य के नागरिकों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना एवं चिरायु योजना संचालित की जा रही है। उक्त सभी योंजनाओं को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना में समाहित किया गया है। राज्य में दिसम्बर 2018 की स्थिति में आयुष्मान कार्डधारियों की संख्या मात्र 2,23,793 थी, जो आज की स्थिति में बढ़कर एक करोड़ 13 लाख 57 हजार 441 हो गई है। इससे राज्य के नागरिकों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा का लाभ शासकीय एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में सहजता से उपलब्ध होने लगा है। राज्य में निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पाने वाले परिवारों की संख्या 56 लाख से बढ़कर 67 लाख हो गई है। जिसमें से 56 लाख बीपीएल परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तथा नौ लाख एपीएल परिवारों को प्रति वर्ष 50 हजार रुपये तक निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत राज्य के नागरिकों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदाय की जा रही है। राज्य में शासकीय एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों की संख्या बीते दो सालों में 1088 से बढ़कर 1359 हो गई है, जहां नागरिकों को आयुष्मान कार्ड अथवा राशन कार्ड के जरिए पात्रता अनुसार निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र

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