रायपुर : धान खरीदी की मात्रा और किसानों की संख्या में निरंतर इजाफा : सीएम भूपेश
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में गौठानों की अहम भूमिका रायपुर, 17 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को बलौदाबाजार जिले के ग्राम वटगन में आयोजित पलारी राज छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 75वें राजअधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने समाज के पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ग्राम वटगन में संचालित शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण और कुर्मी समाज के सामुदायिक भवन बनाने के लिए 35 लाख रुपये की स्वीकृति की घोषणा की है। उन्होंने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को समाज की ओर से सम्मानित भी किया। सम्मेलन की अध्यक्षता कुर्मी समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ. रामकुमार सिरमौर ने की। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, संसदीय सचिव शकुन्तला साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरिश देवांगन, पूर्व विधायक जनकराम वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी की मात्रा और किसानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। तीन साल पहले जहां केवल 15 लाख किसानों से धान खरीदी होती थी, वहीं आज साढ़े 21 लाख किसान समितियों में धान बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए ही हमारे पूर्वजों ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया है। धान, मक्का,गन्ना के बाद राज्य की सरकार ने अब कोदो-कुटकी को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट से उपजे बारदानें की प्रारंभिक समस्या के बाद भी सफलता पूर्वक धान खरीदी चल रही है। अब तक किसानों से 76 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। बारदानों की स्थानीय व्यवस्था एवं किसानों के सहयोग के कारण धान खरीदी सुचारू तरीके से कर पाये हैं। उन्होंने कहा कि हम दिनों-दिन समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का दायरा बढ़ा रहे हैं। नई सरकार के शुरुआती साल में जहां लगभग 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, वहीं इस वर्ष लगभग 89 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार की अनुमति से ही राज्य सरकारें धान खरीदी का कार्य करती हैं। केन्द्र सरकार से फिलहाल केवल 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की अनुमति मिली है। जबकि 60 लाख मीट्रिक टन चावल लिया जाना प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीका आने के बाद कोरोना बीमारी से अंतिम लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। फरवरी महीने के अंत तक आम जनता को टीके लगने शुरू हो जाने की संभावना जताई गई है। फिर भी इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए घोषित उपायों का पालन करते रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 रुपये किलो पर गोबर खरीदी का कार्य केवल छत्तीसगढ़ में हो रहा है। देश और दुनिया में कहीं पर भी गोबर खरीदी नहीं होती हैं। लोग इसे अजूबा समझ कर प्रक्रिया को समझने छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल-hindusthansamachar.in