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रायपुर: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का दो हजार रुपये मानदेय सरकार ने रोका ,आक्रोश

लगातार ड्यूटी लगाए जाने और सुविधाओं को लेकर नाराजगी रायपुर,16 अप्रैल (हि.स.)। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में लगातार ड्यूटी लगाए जाने और सुविधाओं को लेकर नाराजगी जाहिर किया है। संघ ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना से जुड़ी किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं दी गयी। ना ही सुरक्षा किट ही दिया गया है। ऐसे में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाना सही नहीं है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र से चार हजार और राज्य सरकार से दो हजार रुपये को मिलाकर कुल छह हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महज चार हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने दो हजार रुपये मानदेय को रोक दिया है। सरकार का यह कदम ठीक नहीं है। आंगनबाड़ी संघ के नेत्रियों ने बताया कि वर्तमान में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी कोविड टीकाकरण में लगाई गई है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से किसी प्रकार की कोई किट प्रदान नहीं की गई है। ना ही किसी का बीमा ही कराया गया है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की सर्वे में ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन इंसेंटिव नही दिया जाता है। किसी भी विभाग से जुड़े काम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगा दी जाती है। जबकि ऐसा किया जाना उचित नहीं है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोरोना से लगातार मौत हो चुकी है। मौत की लगातार मिल रही खबरों के बाद कार्यकर्ताओं में काफी दहशत है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि सभी कोरोना योद्धाओं को बीमा योजना के तहत कवर किया जा रहा है मगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को योजना से दूर रखा गया है। इस प्रकार का सौतेला व्यवहार सरकार की तरफ से किया जाना उचित नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

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