raipur-chief-minister-gave-instructions-to-lift-paddy-from-committees-before-rainy-season
raipur-chief-minister-gave-instructions-to-lift-paddy-from-committees-before-rainy-season

रायपुर : वर्षा ऋतु के पहले समितियों से धान का उठाव करने मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

रायपुर, 12 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्षा ऋतु के पूर्व समितियों से धान का उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तारतम्य में विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से उपार्जित धान का निराकरण तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित 92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकार्ड मात्रा में से अब तक 75.59 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है एवं 16.41 लाख मीट्रिक टन धान ही समितियों में उठाव हेतु शेष है, जिसका वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के पूर्व उठाव करने का लक्ष्य विभाग द्वारा तय किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित रिकॉर्ड 92.00 लाख मीट्रिक टन धान में से अब तक लगभग 50.41 लाख मीट्रिक टन धान समितियों से मिलर्स को कस्टम मिलिंग हेतु एवं लगभग 20 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केन्द्रों को प्रदाय किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में दिसबंर 2020 से धान का उपार्जन प्रारंभ हुआ था और माह दिसंबर 2020 में ही उपार्जित धान का समितियों से उठाव प्रारंभ करं नागरिक आपूर्ति निगम के लक्ष्य अंतर्गत धान की कस्टम मिलिंग भी प्रारंभ कर दी गई थी। राज्य सरकार के बारंबार अनुरोध के बाद भी वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम अंतर्गत 24 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति केन्द्र सरकार द्वारा 3 जनवरी 2021 को प्रदान की गई, जिसके कारण राज्य में भारतीय खाद्य निगम अंतर्गत जमा किये जाने वाले चावल की कस्टम मिलिंग का कार्य विलंब से प्रारंभ हुआ। राज्य सरकार द्वारा पुराने बारदानों में चावल जमा की अनुमति प्रदान करने हेतु केन्द्र सरकार से लगातार पत्राचार किये जाने के फलस्वरूप 18 मार्च 2021 को केन्द्र सरकार द्वारा पुराने बारदानों में चावल जमा की अनुमति प्रदान की गई। इसी प्रकार कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के फलस्वरूप भी राज्य के विभिन्न जिलों में समितियों से धान उठाव व इसके कस्टम मिलिंग कार्य की गति भी प्रभावित हुई। संग्रहण केन्द्रों में भण्डारित लगभग 20 लाख मीट्रिक टन धान के सुरक्षित भण्डारण हेतु डनेज, कैप कव्हर आदि के समस्त आवश्यक प्रबंध किए गए। इसके अलावा अगले चरण में लगभग 2,000 अतिरिक्त चबूतरों के निर्माण की कार्ययोजना है। धान की सुरक्षा एवं भण्डारण हेतु समितियों को 3 रूपए प्रति क्विंटल के मान से राशि भी प्रदान की जाती है। इसमें से दाे रुपये प्रति क्विंटल के मान से राशि समितियों को अग्रिम प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा इस वर्ष समितियों को प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि में भी वृद्धि करते हुए चार रुपये प्रति क्विंटल के स्थान पर पांच रुपये प्रति क्विंटल के मान से राशि समितियों को दिये जाने का निर्णय लिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार / केशव शर्मा

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in