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रायपुर: रीजनल सेंटर में कोरोनाकाल में कैंसर के 3286 नए मरीज मिले, पीड़ितों के ठीक होने की दर 30 प्रतिशत

रायपुर, 04 फरवरी (हि.स.)। राजधानी के रीजनल सेंटर में कोरोनाकाल में भी सालभर में कैंसर के 3286 नए मरीज मिले। कैंसर के मामले बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी बढ़ रहे हैं, लेकिन राहत की बात ये है कि पिछले एक-दो साल से कैंसर से ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। बच्चे ज्यादा संख्या में ठीक हो रहे हैं। पिछले साल इलाज और रिकवरी के आंकड़ों के आधार पर कैंसर सेंटर के विशेषज्ञों का दावा है कि पिछले 5 साल में 0 से 14 साल की उम्र के जिन बच्चों को कैंसर हुआ, उनमें से 60 प्रतिशत बच्चे इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गए।रीजनल सेंटर में कैंसर पीड़ितों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है। यहां पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ के 22780 कैंसर पीड़ितों का भर्ती कर इलाज हुआ। सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, पिछले 5 साल में मध्यप्रदेश से 487 मरीज, ओडिशा से 276, महाराष्ट्र से 72, उत्तरप्रदेश से 67 व झारखंड से 40 कैंसर पीड़ित यहां इलाज के लिए आ चुके हैं। इसके अलावा बिहार, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल व नेपाल से भी मरीज आए हैं। रीजनल डायरेक्टर डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि 2003 में सेंटर शुरू हुआ, तब सालभर में 1601 कैंसर मरीज ही आए थे। अब हर साल साढ़े 4 हजार से ज्यादा कैंसर पीड़ित आ रहे हैं। वयस्क कैंसर पीड़ितों के ठीक होने की दर 30 प्रतिशत ही है। राजधानी में मेडिकल कालेज के रीजनल कैंसर सेंटर में हर साल करीब साढ़े 4 हजार मरीज मिल रहे हैं। पिछले साल कोरोना काल के दौरान भी 3286 नए कैंसर पीड़ित सामने आए। जहां तक बच्चों की अच्छी रिकवरी का सवाल है, दरअसल ज्यादातर मामलों में माता-पिता की जागरुकता की वजह से बच्चों का कैंसर पहले-दूसरे स्टेज पर डिटेक्ट हो जाता है। इसलिए उनकी ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है। डॉ. चौधरी ने बताया कि पिछले 5 साल के दौरान राहत की बात यह रही है कि 14 साल तक के बच्चों में होने वाले कैंसर की पहचान माता-पिता द्वारा जल्दी पहले या दूसरे स्टेज पर ही कर लिया जा रहा है, इससे उनके रिकवर व ठीक होने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। जहां 30-35 उम्र से ज्यादा वालों में ठीक होने का प्रतिशत 30 के आसपास है, वहीं बच्चों के ठीक होने की दर 50-60 फीसदी तक हो गई है। बच्चों में ज्यादा दर अनुवांशिक के तौर पर ब्लड कैंसर, आई- ब्रेन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। जबकि बड़ों में खासकर महिलाओं में बच्चे दानी का कैंसर व ब्रेस्ट कैंसर हैं, जबकि अन्य में ब्लड व फेफड़े का कैंसर के केस ज्यादा हैं। हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा-hindusthansamachar.in

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