raipur---restoration-of-irrigation-system-in-799-hectares-with-pucca-lining-of-canals
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रायपुर - नहरों की पक्की लाइनिंग से 799 हेक्टेयर में सिंचाई व्यवस्था की पुनर्स्थापना

रायपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। मनरेगा से हुए नहरों की पक्की लाइनिंग ने कई गांवों में सिंचाई व्यवस्था को पुनर्स्थापित कर दिया है। बीजापुर जिले में नौ लघु जलाशयों में निर्मित पक्के नहरों से अंतिम छोर में स्थित खेतों तक समय पर सिंचाई के लिए पानी पहुंचने से किसान गदगद हैं। खरीफ मौसम के दौरान पक्की नहरों से खेतों तक पानी पहुंचने से इस साल किसानों ने अच्छी पैदावार ली है। मनरेगा और जिला खनिज न्यास निधि के अभिसरण से वर्ष 2019-20 में जलाशयों की सिंचाई परियोजनाओं को पुनर्स्थापित करने का एक महती काम शुरू किया गया था। इसके सकारात्मक परिणाम अब जमीनी स्तर पर नजर आने लगे हैं। इस काम से बीजापुर जिले के 799 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई व्यवस्था की पुनर्स्थापना हुई है। नहरों की पक्की लाइनिंग से जहां एक ओर जिले का सिंचित रकबा बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर यह किसानों की आर्थिक उन्नति का रास्ता खोल रहा है। मनरेगा अभिसरण से बीजापुर के भैरमगढ़ विकासखण्ड के कोडोली ग्राम पंचायत में भी नहर लाइनिंग का कार्य कराया गया है। कोडोली जलाशय की नहरों (तालाब क्रमांक-1 व 2 से) में 1800 मीटर लम्बाई की सी.सी. लाइनिंग कर सिंचाई व्यवस्था पुनर्स्थापित की गई है। महज एक साल में ही बीजापुर जिला प्रशासन की इस पहल के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यह परियोजना कोडोली के नरहर नेताम जैसे किसानों के जीवन में खुशहाली लेकर आई है जिनकी सात एकड़ कृषि भूमि इस नहर से लगी हुई है। नरहर नेताम का घर-आंगन आज बासमती चावल की खुशबू से महक रहा है। नहर लाइनिंग के बाद मिल रही सिंचाई सुविधा को देखते हुए उन्होंने इस साल खरीफ मौसम में अपने चार एकड़ खेतों में बासमती और तीन एकड़ में महेश्वरी धान की बुआई की थी। खेतों तक सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी पहुंचने से इस बार पिछले वर्षों की तुलना में अच्छा धान हुआ है। श्री नेताम कहते हैं कि नहर लाइनिंग का यह काम उनके जैसे किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मनरेगा और डीएमएफ के अभिसरण से विकसित हुई सिंचाई सुविधा के फलस्वरूप आने वाले कुछ महीनों में भैरमगढ़, कोडोली, मिरतुर और नेलसनार के बाजारों में इनके उत्पाद नजर आएंगे। श्री नेताम के परिवार को मनरेगा से हुए इस नहर लाइनिंग के काम में 185 दिनों का सीधा रोजगार भी मिला है। उनके परिवार को वर्ष 2019-20 में 80 दिनों के रोजगार के एवज में 14 हजार रूपए से अधिक की मजदूरी मिली थी। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में उनके परिवार को 105 मानव दिवस काम के बदले करीब 20 हजार रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद-hindusthansamachar.in

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