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रायगढ़ : एसएस स्टील की जनसुनवाई में पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट के नाम पर झूठ का पुलिंदा

रायगढ़, 22 फरवरी (हि.स.)। जिला में स्थित लाखा डेम के नजदीक गेरवानी में एसएस स्टील की जनसुनवाई रखी गई है। यह जनसुनवाई पूरी तरह से झूठी ईआईए रिपोर्ट के आधार पर होने जा रही है। इस लोक सुनवाई के बाद प्लांट के विस्तार से लाखा डेम भी प्रभावित होगा। प्लांट का दूषित जल भी केलो नदी में प्रभावित किया जाएगा। एक तरफ जहां सराईपाली गेरवानी में उद्योगों के कारण प्रदूषण की भारी मार झेल रहा है, वहीं एक और उद्योग के क्षमता विस्तार से यह क्षेत्र और बर्बाद हो जाएगा। कोरोना आपदाकाल में गेरवानी स्थित एसएस स्टील के विस्तार की जनसुनवाई 24 मार्च को रखी गई है। प्रशासनिक अधिकारियों की साठ-गाँठ से जानबूझकर आपदाकाल में लोक सुनवाई रखी गई है, ताकि लोग विरोध करने न पहुंच सके। वैसे भी एसएस स्टील में किसी तरह का प्रदूषण नियंत्रण यंत्र स्थापित नहीं किया गया है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत से अब तक यह प्लांट संचालित हो रहा है। प्लांट अपनी तीन और यूनिट का विस्तार करना चाहती है। जिसकी लोकसुनवाई पर्यावरण विभाग ने 24 मार्च को बंजारी मंदिर मैदान में रखी है। कोविड के इस दौर में प्रदूषण पर रोक के साथ सभा आयोजन पर भी पाबंदी है लेकिन एसएस स्टील इस आपदा में अपना फायदा देख रहा है। जिसमें प्रशासन भी अपनी हामी भरता नजर आ रहा है। गेरवानी सराईपाली क्षेत्र वैसे ही बेहद प्रदूषण की चपेट में है ऐसे में लोग और किसी प्लांट का विस्तार नहीं चाहते। अब देखने वाली बात होगी कि कैसे इस प्लांट की लोकसुनवाई होती है। जनप्रतिनिधियों में भी इसको लेकर आक्रोश दिख रहा है। यानी हर बार की तरह शासन-प्रसाशन को गुमराह कर ईआईए रिपोर्ट को कॉपी पेस्ट किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान

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