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रायगढ़ : शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहीं ओवरलोड गाड़ियां, सड़कों की टूटी हड्डियां

रायगढ़ 25 फरवरी (हि.स.)। कोल साइडिंग एवं उद्योग प्रबंधन के द्वारा राजनैतिक प्रभाव और प्रशासन की आंखों में घूल झोंककर जनहित को दरकिनार किया जा रहा है। ऐसे में आए दिन ऐसी स्थितियां निर्मित होती हैं जो नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही। गुरुवार को जागरूक ग्रामीणों द्वारा खरसिया ब्लॉक स्थित वेदांता कोलवाशरी से निकलने वाली गाड़ियों की पर्चियां जांची गईं, तो उनमें 35 टन से अधिक कोयला लोड होना पाया गया। जबकि जिन राहों से होकर यह गाड़ियां प्लांट पहुंचती हैं, उन सड़कों पर 12 टन से अधिक भार की गाड़ियां चलाना पूर्णतया प्रतिबंधित है। बता दें इस कोलवाशरी से निकलने वाले ट्रेलर दर्रामुड़ा-बिंजकोट स्थित एसकेएस पावर प्लांट एवं जांजगीर जिले में स्थित आरकेएम पावर प्लांट में अनलोड होते हैं। वहीं इन भारी वाहनों के चलते दोनों ही सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नियमों की अनदेखी वर्षों से की जा रही है, बावजूद किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई का ना होना समझ से परे है। उद्योगों के विकास के साथ ही सड़कों पर भारी वाहनों की दौड़ दिन रात हो रही है, ऐसे में दिन-ब-दिन इन सड़कों से होकर अपने गांव पहुंचने वाले लाखों ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं आए दिन दुर्घटनाओं का दौर भी देखा जा रहा है। बताना लाजिमी होगा कि इस दुर्दशाग्रस्त सड़क की रिपेयरिंग 2011 में करवाई गई थी। कुछ समय पूर्व एसकेएस प्रबंधन को 5 करोड़ 84 लाख की लागत से सड़क अपडेट करने के निर्देश भी दिए गए थे, परंतु सड़कों को मजबूत बनाना तो दूर प्रबंधन द्वारा सड़क की रिपेयरिंग तक नहीं करवाई गई है। हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान

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