आप विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ अब गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज

आप विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ अब गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज

आप विधायक राघव चड्ढा के खिलाफ अब गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज नोएडा में पहले दर्ज हो चुका है मुकदमा, मुख्यमंत्री योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर बढ़ी मुश्किलें लखनऊ, 29 मार्च (हि.स.)। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में अब उनके खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज हुई है। यह मामला भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने गाजियाबाद के कविनगर थाने में दर्ज कराया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में राघव चड्ढा के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज करवाई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि राघव चड्डा ने उत्तर प्रदेश पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने, जनता को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काने, क्षेत्रीय आधार पर नफरत और घृणा फैलाने तथा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से आपत्तिजनक ट्वीट किया। अश्विनी उपाध्याय ने तहरीर में कहा कि देश इस समय कोरोना की महामारी से परेशान है और पूरे देश में तीन सप्ताह का लॉकडाउन है लेकिन राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर गरीब मजदूरों को उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया है। राघव चड्ढा के इसी ट्वीट के बाद गरीब मजदूर भयभीत हो गए और अफरा तफरी मच गई। उन्होंने सफेद झूठ के सहारे संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ जानबूझकर नफरत और घृणा फैलाया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के अंतर्गत एक गंभीर अपराध है। तहरीर के मुताबिक राघव चड्ढा ने जानबूझकर सफेद झूठ बोलकर क्षेत्र और वर्ग के आधार पर समाज में नफरत घृणा और आपसी दुश्मनी फैलाने का प्रयास किया है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के अंतर्गत एक अपराध है। योगी आदित्यनाथ जी हिंदुओं के धर्मगुरु है और विश्व प्रसिद्ध गोरखपीठ के महंत हैं। करोड़ों लोग नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए हैं और योगी जी को अपना गुरु मानते हैं। इसीलिए राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर केवल योगी आदित्यनाथ जी को ही बदनाम नहीं किया है बल्कि करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का भी अपमान किया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के अंतर्गत अपराध है। उपाध्याय के मुताबिक राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर उत्तर प्रदेश पुलिस को ही नहीं बल्कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बदनाम किया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 499-500 के अंतर्गत एक अपराध है। राघव चड्ढा ने जानबूझकर झूठ बोलकर क्षेत्र के आधार पर दो वर्गों के बीच नफरत और घृणा फैलाया है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2) के अंतर्गत अपराध है। इन तथ्यों को ध्यान रखते गए राघव चड्ढा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, इनफार्मेशन टेक्टनोलॉजी कानून और अन्य कानूनों के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करें। उपाध्याय की तरहीर पर पुलिस ने राघव चड्ढा के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत पटेल की तहरीर पर राघव चड्ढा के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 20 थाने में मामला दर्ज किया गया। विधायक के खिलाफ, शत्रुता, घृणा और दुर्भावना पैदा करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए नोएडा के सेक्टर 20 थाना में 500, 505 (2) आइपीसी और धारा 66 आईटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब है कि दिल्ली के राजेंद्र नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने शनिवार को ट्वीट किया कि सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ जी दिल्ली से उत्तर प्रदेश वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ा के पिटवा रहे हैं। योगी जी बोल रहे हैं कि तुम क्यों दिल्ली गए थे। अब तुम लोगों को कभी दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा। मेरी यूपी सरकार से अपील है ऐसा न करें, इस मुश्किल की घड़ी में लोगों की समस्याओं को बढ़ाइए मत। हालांकि बाद में जमकर आलोचनाओं के बाद राघव चड्ढा ने ट्वीट को डिलीट कर दिया था, लेकिन फिर भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई और इसका परिणाम एफआईआर के रूप में सामने आ रहा है। भाजपा नेताओं ने राघव चड्ढा की कड़ी आलोचना की है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in

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