आवश्यक सामान लोगों तक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से पहुंचे : पीयूष गोयल
आवश्यक सामान लोगों तक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से पहुंचे : पीयूष गोयल

आवश्यक सामान लोगों तक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से पहुंचे : पीयूष गोयल

आवश्यक सामान लोगों तक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से पहुंचे : पीयूष गोयल नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक उद्योग के हितधारकों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कोविड-19 से हुए लॉकडाउन के कारण आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की गई। उन्होंने कारोबारियों को आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आवश्यक सामान सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचे। बैठक में स्नैपडील, शॉपक्लूज, फ्लिपकार्ट, ग्रोफर्स, नेटमेड्स, फार्मईजी, वन एमजी टेक, उडान, अमेजन इंडिया, बिग बास्केट और जोमाटो जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। खुदरा कारोबार करने वाली बड़ी कंपनियों का प्रतिनिाधित्व मेट्रो कैश एंड कैरी, वॉलमार्ट और आरपीजी ने किया गया, जबकि एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल, डेलीवरी, सेफएक्सप्रेस, पेटीए और स्विगी ने लॉजिस्टिक्स सेवाएं देने वाली कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया। डीपीआईआईटी नियमित रूप से खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ संपर्क में रहता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला निर्बाध बनी रहे और विभिन्न सुविधाएं सुचारू रूप से कार्य करती रहें। डीपीआईआई के प्रयासों के परिणामस्वरूप, गृह मंत्रालय ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर ध्यान रखने के लिए राज्य सरकार के मार्गदर्शन हेतु मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। विभाग ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसमें सामानों की ढुलाई, वितरण और सामान की आपूर्ति, आम आदमी को आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी और लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न हितधारकों के सामने आने वाली कठिनाइयों की निगरानी की जाती है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने लॉकडाउन के मद्देनजर, जवाब दाखिल करने और शुल्क का भुगतान करने आदि जैसे कार्यों के लिए तिथि आगे बढ़ा दी है। इससे उन सभी आवेदकों को मदद मिलेगी जिनके लिए पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क के लिए आवेदन जमा करने की तारीख लाकडाउन की अवधि में आ रही थी। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in