प्रदेश में देश के औसत से 11 प्रतिशत ज्यादा तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं लोग
दुर्ग, 30 दिसम्बर (हि. स.)। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ब्लॉक स्तरीय समन्वय समिति के सदस्यों की ब्लॉक दुर्ग (निकुम) में बुधवार को बैठक हुई । जिसकी अध्यक्षता करते हुए अनुविभागीय अधिकारी खेमलाल वर्मा ने ब्लॉक को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने के संकल्प पर सहमति व्यक्त करते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए । इस मौके पर जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, बीपीएम ऋचा मेश्राम, बी.ई.टी.ओ. विक्रम रामटेके, खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा, टी आई अंडा आर.के. झा, सीडीपीओ अजय साहू व बीईओ केवी राव उपस्थित थे। समन्वय समिति की बैठक में द यूनियन से आए डिवीज़नल सलाहकार प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा ब्लॉक निकुम को धूम्रपान मुक्त विकासखण्ड बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया । उन्होंने कहा तम्बाकू नियंत्रण से संबंधित कानून सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 को सख्ती से लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि तम्बाकू मुक्त ब्लॉक बनाने में प्रशासन का पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा अधिकारी अपने विभागों में तम्बाकू निषेध का बोर्ड लगवाएं और कार्यालय में बीड़ी, सिगरेट पीने वालों के खिलाफ चालान करे तथा अधिनियम के तहत आवश्यक कार्यवाही अमल में लाए। सीएचसी दुर्ग (निकुम) बीएमओ डॉ सी.बी.एस. बंजारे द्वारा एनटीसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत की जा रही गतिविधियों से अवगत कराया गया । डॉ बंजारे ने कहा आमतौर पर तम्बाकू 2 रूपों में उपलब्ध होता है- धूम्रपान और धूम्रपान रहित यानी तंबाकू चबाना व गुड़ाखू, सिगरेट, बीड़ी, सिगार, हुक्का आदि धूम्रपान के रूप हैं। भारतीय महिलाओं में धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग अधिक प्रचलित है । धुआँ रहित या चबाने योग्य तम्बाकू पान, खैनी, सूँघी, गुटका और पान मसाला आदि के रूप में उपलब्ध है। यह सभी रूप हानिकारक हैं। तंबाकू में 4,000 से अधिक विभिन्न रसायन पाए गए हैं। इनमें से 60 से अधिक रसायनों को कैंसर का कारण माना जाता है। एनटीसीपी के जिला सलाहकार डॉ. सोनल सिंह ने कहा, “तम्बाकू स्वास्थ्य पर कई तरह से प्रतिकूल प्रभाव डालता है। तंबाकू से सांस लेने से जुड़ी बीमारियां, हृदय रोग, स्ट्रोक, अल्सर और दिल की धड़कन तेज होने से मृत्यु का कारण बन सकती है । तंबाकू से दांत नष्ट होने, हड्डियां टूटने में वृद्धि, प्रजनन क्षमता में कमी, नवजात शिशुओं में जन्म दोष, मोतियाबिंद और समय से पहले बूढ़ा होने का एक कारण भी है”। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ऑफ इंडिया 2016-17 के अनुसार, देश में करीब 28.6% सिगरेट और अन्य तरीकों से तंबाकू का सेवन करते हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं। शोध में बताया गया है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को के साथ गंभीर बीमारी होने की संभावना है। कोविड-19 रूप से फेफड़ों पर हमला करता है। धूम्रपान करने से फेफड़ो को कोरोना वायरस से लड़ने में मुश्किल होती है। इस प्रकार डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी और मृत्यु होने का अधिक खतरा है। हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे-hindusthansamachar.in