जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संबंधी अनुदान की मांगों को संसद की मंजूरी
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संबंधी अनुदान की मांगों को संसद की मंजूरी

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संबंधी अनुदान की मांगों को संसद की मंजूरी

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संबंधी अनुदान की मांगों को संसद की मंजूरी नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स.)। संसद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्रों के लिए वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए अनुदानों की मांगों व विनियोग संबंधित चार विधेयकों को सोमवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बजट की अनुदान मांगों से जुड़े चार विधेयकों को चर्चा के बाद इन्हें ध्वनिमत से लौटा दिया। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है। उच्च सदन में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चर्चा के जवाब में कहा कि ऐसा पहली बार नहीं, कई बार हो चुका है कि जम्मू कश्मीर की अनुदान की अनुपूरक मांगों को राज्य विधानसभा के स्थान पर संसद में मंजूरी दिलायी गई। उन्होंने कहा कि 1991 से लेकर 1996 तक हर साल जम्मू-कश्मीर की अनुदान की मांगों एवं विनियोग विधेयक पर संसद में चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि बेहतर होता अगर ये विधेयक जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में पारित होते। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य पूछते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद राज्य में क्या बदलाव हुए ? ठाकुर ने कहा कि पहले राज्य प्रशासन ‘भ्रष्टाचार युक्त’ था है, अब वहां का प्रशासन ‘भ्रष्टाचार मुक्त’ हो गया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास थमने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्य में सेब की बिक्री पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत ‘बैक टु विलेज’ कार्यक्रम के तहत 1930 परियोजनाएं शुरु की गई और 500 लंबित परियोजनाएं पूरी की गई। इस योजना के तहत तमाम केन्द्रीय मंत्री गांवों तक पहुंचे। ठाकुर ने राज्य में 53 प्रतिशत खर्च सुरक्षा पर खर्च होने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मात्र दस प्रतिशत खर्च इस मद में हुआ है। उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार के शासनकाल में करोड़ों रूपए के घोटाले हुए किंतु राजग के शासनकाल में एक रूपए का भी घोटाला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उस समय भी वही अधिकारी थे और आज भी वही अधिकारी हैं। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि राज्य को एक पैसे का भी नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 तक जीएसटी वसूली 13 प्रतिशत बढ़ी है तथा राज्य की जीडीपी दर पिछले साल के बराबर या उससे अधिक होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों ने पिछले साल दिल लगाकर काम किया है।उन्होंने कहा कि लद्दाख को पहले मात्र 1500 करोड़ रूपए मिलते थे जिनमें से 600 करोड़ रूपए ही खर्च हो पाते थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारी सरकार ने 5754 करोड़ रुपए और अगले वित्त वर्ष के लिए 5950 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।ठाकुर ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हमारे नेताओं को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार के शासन में देश का कोई भी नागरिक लाल चौक सहित जम्मू कश्मीर के किसी भी हिस्से में तिरंगा लहरा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में न तो कहीं पथराव हो रहा है और ना ही पेलैट गन चलाने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पर्यटन बढे़ इसलिए हमने पर्यटन के तीन विशेष सर्किट बनाने की घोषणा की है। वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 355 हेक्टेयर भूमि में सेबों की उन्नत खेती के लिए पौधारोपण किया है जिससे सेब उत्पादन में दस गुना वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2019-20 की अनुदान की पूरक मांग के तहत 53,963 करोड़ रूपए के निवल नकद व्यय का प्रस्ताव किया था। इसमें 78 अनुदान मांगें और 4 विनियोग का प्रस्ताव किया था। इसके तहत 4.8 लाख करोड़ रूपए के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद से अनुमोदन मांगा गया था। इसमें से निवल नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित कुल खर्च 53,963 करोड़ रूपए है। इसके अलावा सदन ने चालू वित्त वर्ष में पांच महीने के लिये नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के वास्ते 55,317 करोड़ रूपए और अगले वित्त वर्ष के लिये एक लाख करोड़ रूपए से अधिक के खर्च संबंधी मांग को मंजूरी दी। सदन ने 2019-20 के लिए जम्मू कश्मीर राज्य के संबंध में अनुदान की अनुपूरक मांग तथा 2019-20 के लिए जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों और 2019-20 के लिए लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों को भी मंजूरी दी। इसके साथ ही 2020-21 के लिए जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में अनुदान की मांगों को मंजूरी दी गई। जम्मू कश्मीर से बनाए गए संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के लिए 5 महीने के खर्च के संबंध में 5,754 करोड़ रूपए की राशि मांगी गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in