रिहा होते ही उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर हुए फिर सक्रिय

रिहा होते ही उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर हुए फिर सक्रिय

रिहा होते ही उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर हुए फिर सक्रिय जम्मू, 24 मार्च, (हिस) । नजरबंदी से रिहा होते ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक बार फिर ट्वीट पर सक्रिय हो गए हैं। बताते चलें कि उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद तथा विधायक रह चुके हैं। व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद वह उन चुनिंदा नेताओं में गिने जाते हैं जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। वह ट्विटर पर क्रिकेट को लेकर भी काफी ट्वीट करते रहते हैं। रिहा होते ही उन्होंने एक के बाद एक अनेक ट्वीट किए हैं। रिहा होते ही उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले अपने बायोडाटा में फेरबदल किया। ट्विटर पर अपने बायोडाटा में उन्होंने खुद की प्रोफाइल के आगे पूर्व पीएसए राजनीतिक बंदी शामिल किया। बताते चलें कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 व 35a हटाने तथा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद उमर अब्दुल्ला को हरी निवास में नजरबंद किया गया था। उसके बाद वह कोई भी ट्वीट नहीं कर सके थे। मंगलवार को रिहा होते ही उन्होंने एक के बाद एक ढेरों ट्वीट करते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह ट्विटर पर एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं। अपने पहले ही ट्वीट में उन्होंने अपने रिहाई की बात कही। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि 232 दिनों तक मुझे हरी निवास में नजरबंद रखा गया और आज मैंने हरीनिवास छोड़ दिया है। आज की दुनिया 5 अगस्त 2019 की दुनिया से काफी अलग है। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला तथा अपनी मां के साथ फोटो साझा करते हुए लिखा कि मैंने अपनी माता-पिता के साथ 8 महीनों में पहली बार लंच किया है। मैं इससे बेहतरीन भोजन याद नहीं कर सकता। मैं थोड़ा विस्मय में हूं और याद नहीं रखता कि मैंने क्या खाया है। अपने अगले ट्वीट में उन्होंने अपनी पार्टी जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद करते हुए लिखा कि हमारे कार्यकर्ता एकजुट तथा मजबूत दिखे। हमारे आगे अब बहुत ही लंबा तथा कठिन रास्ता है परंतु एकजुट होकर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा जम्मू-कश्मीर एक अच्छे दिन देखे। वह यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद भी कई ट्वीट किए। अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैं कपिल सिब्बल, गोपाल शंकर नारायण, रियाज शरीक और उनकी कानूनी टीमों को मेरे खिलाफ अन्यायपूर्ण पीएसए नजर बंदी के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मैं अपने बेबीसीटर सारा को भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने इसके बाद कोरोना वायरस पर भी ट्वीट करते हुए लिखा कि हमने कुछ हफ्तों व महीनों से अपनी जिंदगीयों के लिए लड़ाई लडी है। मैं व्यक्तिगत क्षमता के अनुसार इस चुनौती का सामना करने में प्रशासन की हर संभव मदद करूंगा तथा अपील करता हूं कि सभी लोग ऐसा करें। अपने अगले ट्वीट में उन्होंने मजाकिया अंदाज में लिखा कि एक हल्के नोट पर अगर किसी को संघरोध या लॉक डाउन में जीवित रहने का कोई सुझाव चाहिए तो मैं दे सकता हूं। इससे निपटने में मुझे महीनों का अनुभव है। शायद मैं क्रम से एक ब्लॉग भी लिख सकता हूँ। बताते चलें कि उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं तथा समय-समय पर वह अपने ट्वीट के जरिए अपनी बातों को अनौपचारिक रूप से जनता तक पहुंचाते रहते हैं। हिंदुस्थान समाचार / राहुल / बलवान-hindusthansamachar.in

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