नोएडा: इलाज न मिल पाने के कारण मौत मामले में एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस
नोएडा: इलाज न मिल पाने के कारण मौत मामले में एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस

नोएडा: इलाज न मिल पाने के कारण मौत मामले में एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस

- 28 दिन दिन के अंदर उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से मांगा विस्तृत रिपोर्ट, दोषी पर करवाई के निर्देश - केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को भी घटना पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है नोएडा, 09 जून (हि.स.)। पिछले सप्ताह एक गर्भवती महिला के इलाज के अभाव में मृत्यु व हॉस्पिटल के गेट पर एक बच्चे को जन्म के बाद बच्चे की मृत्यु के मामले में एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दोनों मामले की विस्तृत रिपोर्ट चार हफ्ते में मांगा है, साथ ही दोषी डॉक्टर व अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए है। एनएचआरसी ने सोमवार की रात को नोटिस भेजा था। नोटिस के अनुसार पिछले सप्ताह शुक्रवार (पांच जून) को एक आठ माह की गर्भवती महिला को लेकर उसके परिजन 13 घंटे तक निजी व सरकारी अस्पतालो में घूमते रहे लेकिन उसको इलाज नहीं मिला, जिस कारण 30 वर्षीय महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की मृत्यु एम्बुलेंस में हो गई। दो दिन पहले भी एक महिला को सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था, जिस कारण महिला ने अस्पताल के दरवाजे पर ही बच्चे को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश बच्चे की मृत्यु ठीक से देखभाल के करने के कारण हो गई थी। एनएचआरसी ने अपने नोटिस में कहा है कि यह दोनों घटना न्यूज रिपोर्ट से पता चलती है। जो कि मानवाधिकार का हनन तो है ही साथ ही बहुत से प्रश्न उठाती है। राज्य सरकार जनता के जीवन जीने का अधिकार और स्वास्थ्य का अधिकार डिलीवर करने में असफल दिखाई देती है। अभी कोरोना महामारी के कारण अस्पतालों में अधिक भीड़ है, इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक नहीं है लेकिन फिर भी मरीज को भर्ती न करना उसके इलाज के लिए मना करना चिंता का विषय है। आयोग यह जानना चाहता है कि क्या राज्य सरकार वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों को संचालन के लिए कोई मानक तय किया है या नहीं? अगर ऐसा है तो अधिकारियों को उसको पालन करने के सख्त निर्देश राज्य सरकार दे, ताकि कोरोना के अलावा कोई मरीज आपातकाल में आए तो उसके जीवन को बचाया जा सके। आयोग नोटिस के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को भी घटना पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है। हिन्दुस्थान समाचार/आदित्य/राजेश-hindusthansamachar.in

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