नेपाल कृत्रिम तरीके से सीमा को नहीं बढ़ा सकता : विदेश मंत्रालय
नेपाल कृत्रिम तरीके से सीमा को नहीं बढ़ा सकता : विदेश मंत्रालय

नेपाल कृत्रिम तरीके से सीमा को नहीं बढ़ा सकता : विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। भारत ने नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा द्वारा आज पारित किए गए देश के नए मानचित्र संबंधी संविधान संशोधन को खारिज करते हुए कहा कि कृत्रिम तरीके से किसी देश की सीमाओं को नहीं बढ़ाया जा सकता। भारत का मानना है कि नेपाल का सीमा संबंधी दावा न ही ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित है तथा न ही किसी स्तर पर टिकने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने नेपाल की संसद में आज के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत पहले भी इस पर टिप्पणी कर चुका है। मानचित्र संबंधी विधेयक पारित किया जाना दोनों देशों के बीच बनी इस सहमति का उल्लंघन है कि बकाया सीमा संबंधी मामलों का समाधान बातचीत के जरिए किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने भारतीय भूभाग को नेपाल के मानचित्र में दर्शाए जाने संबंधी घटनाक्रम पर गौर किया है। उल्लेखनीय है कि नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने उस राजनीतिक मानचित्र संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया, जिसमें कालापानी सहित कुछ भारतीय भू-भाग को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया है। विधेयक अब संसद के ऊपरी सदन राष्ट्रीय सभा में पेश किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुफल/बच्चन-hindusthansamachar.in

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