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‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’, चेतना के कवि सोहनलाल
हम सभी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा के दौरान यह कविता जरूर पढ़ी होगी— पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊंचे बन जाओ सागर कहता लहराकर मन में गहराई लाओ ये पंक्तियां राष्ट्र-प्रेम और राष्ट्र-भावना से परिपूर्ण गीतों के माध्यम से जनमानस में राष्ट्रीय चेतना का संचार करने वाले महाकवि सोहनलाल क्लिक »-hindi.thequint.com