​​आईएसआई ने रची थी उड़ी जैसे हमले की साजिश
​​आईएसआई ने रची थी उड़ी जैसे हमले की साजिश

​​आईएसआई ने रची थी उड़ी जैसे हमले की साजिश

- राजस्थान के सैन्य और वायु ठिकाने आतंकियों के निशाने पर - सड़क प्रोजेक्ट का जेसीबी चालक निकला आईएसआई एजेंट - पकड़े गए आईएसआई एजेंट ने किया साजिश का खुलासा - हमला करने के लिए 10 आतंकी सीमा पर घुसपैठ को तैयार नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान के सैन्य ठिकाने पर 2016 में एलओसी के पास उड़ी सेक्टर में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले करने की आईएसआई की साजिश का खुलासा हो गया है। इस योजना को अंजाम देने के लिए 10 आतंकवादियों का एक समूह भारत की पश्चिमी सीमा में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस साजिश की भनक पहले ही लग गई थी, जिस पर राजस्थान के सैन्य और वायुसेना के ठिकानों को अलर्ट पर रखा गया था। पकड़ा गया आईएसआई एजेंट पाकिस्तान से लगी राजस्थान सीमा के पास एक सड़क प्रोजेक्ट में जेसीबी चालक निकला है। भारतीय जांच एजेसियां उससे पूछताछ करके और जानकारियां उगलवाने में लगी हैं। राजस्थान की पश्चिमी सीमा से घुसपैठ किये जाने की साजिश का खुलासा 'हिन्दुस्थान समाचार' ने 22 अक्टूबर को खुफिया तंत्रों के हवाले से किया था। खुफिया सूत्रों को इनपुट मिला था कि पाकिस्तान भारत में घुसपैठ की एक बड़ी साजिश रच रहा है। भारत में घुसपैठ के लिए नियंत्रण रेखा के पास बड़ी तादाद में आतंकवादियों को इकट्ठा किया गया है। इसलिए पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए कवर फायर मुहैया कराने के लिए जम्मू-कश्मीर की सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन का सहारा ले रही है। इंटेलिजेंस ब्यूरो को जानकारी मिली थी कि राजस्थान के सैन्य ठिकाने पर पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की इसलिए नजर है, क्योंकि भारत के पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान की सीमा के निकट जोधपुर प्रमुख सैन्य बेस है। सेना की कोणार्क कोर का मुख्यालय भी यहीं पर है। यह कोर दक्षिणी कमान का हिस्सा है। इसके अलावा पोकरण में सबसे बड़ी फायरिंग रेंज है। इस रेंज में हमेशा सेना की विभिन्न यूनिट्स का युद्धाभ्यास चलता रहता है। आईएसआई की इस साजिश के बारे में भनक लगने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय सेना और वायुसेना को अलर्ट किया था। इसी के साथ जांच और खुफिया एजेंसियां आईएसआई का नेटवर्क तोड़ने में लगी थीं। आखिरकार राजस्थान बॉर्डर के निकट भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रही सड़क में जेसीबी चालक रोशन भील बाड़मेर में राजस्थान एटीएस के हत्थे चढ़ गया। वह कुछ दिनों खुफिया एजेंसियों के रडार पर था और उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी। पकड़े जाने के बाद आईएसआई एजेंट को किसी गोपनीय स्थान पर रखा गया है और भारतीय जांच एजेसियां उससे पूछताछ करके जानकारियां उगलवाने में लगी हैं। वह इससे पहले पकड़े जा चुके एक हेरोइन तस्कर की गाड़ी का भी चालक रह चुका है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जेसीबी ऑपरेटर ने सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में बैठे हैंडलर को संवेदनशील जानकारी भेजने की बात कबूली है। वह हाल ही में पाकिस्तान गया था, जहां उसकी कई रिश्तेदारियां भी हैं। वह अपने रिश्तेदारों से मिलने के बहाने कई बार पाकिस्तान जा चुका है, जहां वह आईएसआई के संपर्क में आया। उसे एजेंटों ने अपने झांसे में लेकर जासूसी के लिए तैयार कर लिया। चूंकि वह सीमा क्षेत्र की सड़क परियोजना से जुड़ा था, इसलिए जोधपुर के सैन्य ठिकाने तक उसकी आवाजाही आसान थी, इसी का फायदा उठाकर वह पाकिस्तान को सैन्य गतिविधियों से संबंधित जानकारी देता था। उसने यह भी खुलासा किया है कि आईएसआई और पाक सेना ने राजस्थान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में 2016 में हुए हमला किये जाने की योजना बनाई है। एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर 18 सितम्बर, 2016 को आतंकी हमला किया गया था जिसमें 16 जवान शहीद हुए थे। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चारों आतंकी मारे गए थे। पूछताछ में उसने यह भी जानकारी दी है कि इस तरह के हमले के लिए 10 आतंकवादियों का समूह पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करने के लिए तैयार है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का समन्वय करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान कश्मीरी के नेतृत्व में आतंकी संगठन लश्कर, जैश और हिज्बुल की बैठक हुई है, जिसमें इस योजना को अंतिम रूप दिया गया है। राजस्थान के सैन्य ठिकानों पर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को सौंपी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in

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