​​अब महिला पायलट के हाथों में होगा 'खतरनाक' राफेल
​​अब महिला पायलट के हाथों में होगा 'खतरनाक' राफेल

​​अब महिला पायलट के हाथों में होगा 'खतरनाक' राफेल

- एयरफोर्स की 10 महिला फाइटर पायलट्स में से एक को चुना गया - वायुसेना की अंबाला 'गोल्डन ऐरो' स्क्वाड्रन में दी जा रही है ट्रेनिंग सुनीत निगम नई दिल्ली, 21 सितम्बर (हि.स.)। अब जल्द ही दुनिया का सबसे खतरनाक फाइटर जेट राफेल महिला पायलट के हाथों में होगा। इसके लिए राफेल की अंबाला 'गोल्डन एरो' स्क्वाड्रन में ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। अंबाला स्क्वाड्रन में वायुसेना की महिला पायलटों ने राफेल उड़ाने का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए सभी तैयारियां कीं, जिसमें से एक महिला पायलट को आंतरिक चयन प्रक्रिया के तहत चुना गया है। वह इससे पहले मिग-21 बायसन लड़ाकू विमान उड़ाती रही हैं। फ्रांसीसी शहर बोर्डो के मेरिनैक एयर बेस पर लड़ाकू विमान उड़ाने की ट्रेनिंग भारत के 12 पायलट्स को दी जा चुकी है। इन्हीं में से 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरो' के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह, विंग कमांडर एमके सिंह, ग्रुप कैप्टन रोहित कटारिया, विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी, विंग कमांडर मनीष सिंह, विंग कमांडर सिद्धू और विंग कमांडर अरुण कुमार फ्रांस से पांच राफेल उड़ाकर 29 जुलाई को भारत लाये थे। मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली 10 महिला पायलट हैं। फ्रांस से प्रशिक्षण हासिल कर चुके राफेल पायलट्स के नेतृत्व में वायुसेना की 10 महिला पायलट में से एक को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग देने की योजना बनाई गई। अब एक महिला पायलट को आंतरिक चयन प्रक्रिया के तहत चुना गया है। वायुसेना के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि महिला फाइटर पायलट्स की ट्रेनिंग पुरुषों जैसी ही होती है। एक बार किसी भी लड़ाकू विमान का प्रशिक्षण लेने के बाद दूसरा एयरक्राफ्ट उड़ाने के लिए पायलट्स को 'कनवर्जन ट्रेनिंग' की जरूरत पड़ती है। राफेल उड़ाने के लिए जिस महिला पायलट को चुना गया है, वह पहले मिग-21 बायसन लड़ाकू विमान उड़ाती रही हैं। उन्हें अंबाला स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरो' में राफेल विमान उड़ाने का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है। वह जल्द ही भारतीय वायुसेना के राफेल बेड़े में पहली महिला पायलट के रूप में शामिल होंगी। वायुसेना ने पहली बार कारगिल युद्ध में महिला पायलट गुंजन सक्सेना को ऑपरेशंस का हिस्सा बनाया था। उन्होंने चीता हेलीकाप्टर उड़ाकर पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे। अभी हाल ही में उनके ऊपर बायोपिक फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' भी रिलीज की गई। इसके बाद साल 2016 में सरकार ने महिलाओं को फाइटर फ्लाइंग की अनुमति दी। तभी फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत और फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह को महिला फाइटर पायलट्स के रूप में वायुसेना में शामिल किया गया था। तब से अब तक 10 महिला पायलट्स वायुसेना में शामिल की जा चुकी हैं। वायुसेना की 10 महिला फाइटर पायलट्स ने अब तक सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29 जैसे कई लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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