​एचएएल ने बनाया 300वां एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव
​एचएएल ने बनाया 300वां एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव

​एचएएल ने बनाया 300वां एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव

- अब यह आसमान में गोते लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार - चीन सीमा पर सेना की मदद में लगे 20 से ज्यादा हेलीकॉप्टर नई दिल्ली, 29 सितम्बर (हि.स.)। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने मंगलवार को 300वें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव का निर्माण पूरा करके हैंगर से नीचे उतार दिया है। हैंगर से रोल आउट होने के बाद अब यह आकाश में गोते लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस समय पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर इस तरह के 20 से ज्यादा हेलीकॉप्टर सेना की मदद कर रहे हैं। इन्हें उन ऊंचाई वाले स्थानों पर हथियार एवं अन्य उपकरण पहुंचाने के लिए लगाया गया है, जहां अन्य हेलीकॉप्टर उड़ान भरने में सक्षम नहीं हैं। लद्दाख में तापमान शून्य से नीचे जाने पर भी यह पेलोड ले जाने में कारगर साबित हो रहे हैं। हेलीकॉप्टर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित एएलएच ध्रुव भारत का एक बहुद्देशीय हेलीकॉप्टर है। इसकी भारतीय सशस्त्र बलों को आपूर्ति की जा रही है और एक नागरिक संस्करण भी उपलब्ध है। इसे पहले नेपाल और इज़रायल को निर्यात किया गया था फिर सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा मंगाया गया है। इसके सैन्य संस्करण, परिवहन उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकास भूमिकाओं में उत्पादित किये जा रहे हैं। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मंगलवार को अपने 300वें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का निर्माण पूरा कर लिया है। कंपनी के सीएमडी आर माधवन ने कहा कि एएलएच मार्क-I से मार्क-IV तक का विकास अभूतपूर्व रहा है और यह हेलीकॉप्टरों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को प्रोत्साहन देता है। ध्रुव ने पहली बार 30 अगस्त 1992 में उड़ान भरी थी। उसके बाद से यह भारतीय सेना के लिए हर स्तर पर मददगार साबित हुआ है। इसकी खूबियां इसे और हेलीकॉप्टरों से अलग बनाती हैं। इसका उपयोग सेना और वायु सेना दोनों अधिकतम ऊंचाई वाली जगहों पर अपने अभियानों में कर रहे हैं। 300वें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर का रोल-आउट प्रमाण पत्र वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक (दक्षिण क्षेत्र) वाईवी शर्मा ने एक कार्यक्रम में हेलीकॉप्टर डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीवीएस भास्कर को सौंपा। इस मौके पर भास्कर ने कहा कि अब तक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव ने 2 लाख 80 हजार से अधिक घंटों की उड़ान भरकर किसी भी मिशन, किसी भी समय, किसी भी मौसम के लिए एक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर के रूप में अपनी उपयोगिता साबित की है। उन्होंने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एचएएल से 73 विमानों का अनुबंध हुआ है, जिसमें से भारतीय सेना को 41, वायुसेना को 16 और भारतीय तटरक्षक बल को 16 एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव मिलने हैं। अब तक 38 एएलएच का उत्पादन किया जा चुका है और शेष 35 हेलीकॉप्टरों का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा। इस अवसर पर लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर- लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलसीएच-एलएसपी) के पहले सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) का 'ग्राउंड रन' किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in

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