हिमाचल में तालाबंदी से पर्यटक उद्योग को 3000 करोड़ का नुकसान
हिमाचल में तालाबंदी से पर्यटक उद्योग को 3000 करोड़ का नुकसान

हिमाचल में तालाबंदी से पर्यटक उद्योग को 3000 करोड़ का नुकसान

शिमला, 04 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल में पर्यटन उद्योग पर कोरोना महामारी की सर्वाधिक मार पड़ी है। मार्च माह से जारी लॉकडाउन के चलते पर्यटन उद्योग को करीब तीन हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान है। आजीविका के लिए पर्यटकों की आमद पर निर्भर करीब सात लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। प्रदेश की सीमाओं के सील होने, होटलों व रेस्टोरेंट में ताले लगे होने तथा सडक़ों पर टैक्सियों का पहिया न घूमने की वजह से रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है। पर्यटन उद्योग को पड़ रही मार का असर प्रदेश की जीडीपी व विकास दर पर पड़ना तय है। पर्यटन उद्योग को हो रहे नुकसान को भांपते हुए सरकार ने इसे खोलने की हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद माना है कि कोविड-19 की सर्वाधिक मार प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ी है। अलबत्ता अब सरकार के प्रदेश की सीमाओं व पर्यटन उद्योग को खोलने के फैसले से कारोबारियों को राहत की उम्मीद जगी है। प्रदेश में करीब 3500 होटल हैं। होटलों में हजारों कर्मचारी हैं। दो हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। सैंकड़ों गेस्ट हाउस व दर्जनों बीएंडबी हिमाचल में हैं। इसके अलावा करीब 40 हजार टैक्सियां व टेंपो ट्रैवलर प्रदेश में हैं। इन तमाम पर्यटन कारोबारियों के कमाई पर परिवार निर्भर करता है। मगर लॉकडाउन में ये सभी बेकार हैं। आंकड़ों के मुताबिक करीब सात लाख से अधिक लोगों की आजीविका पर्यटन उद्योग पर निर्भर करती है। सरकार के सकल घरेलू उत्पाद में भी 7.3 फीसद योगदान पर्यटन का है। जाहिर है कि पर्यटन उद्योग के ठप्प होने से हालात बदतर हो चले हैं। लिहाजा पर्यटन उद्योग को खोलने के सरकार के फैसले का कारोबारी स्वागत करने लगे हैं। हिमाचल टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने प्रदेश को पर्यटकों के लिए खोलने के फैसले का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि पर्यटन उद्योग को लॉकडाउन का सबसे अधिक नुकसान सहन करना पड़ा है।परंतु अब होटल तथा अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों को उम्मीद की किरण जगी है कि उन्हें आने वाले सीजन में कुछ न कुछ ऑक्यूपेंसी अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हिमाचल के भी दरवाजे पर्यटकों के लिए खोलना एक सरहानीय कदम है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री ने सबसे पहले मार्च में अपने होटलों को बंद करने का फैसला स्वेच्छा से लिया था। पर्यटन व्यवसायी अपना मुख्य सीजन खो चुके है परंतु अभी दो महीने ऑफ सीजन के है इस दौरान होटल व्यवसाई अपने होटलों को एसओपी के मानकों को पूरा कर चारणबद्ध तरीके से होटलों को खोलेंगे। सरकार द्वारा होटलों को समय रहते पर्यटकों के लिए खोलने से होटल व्यवसायी अपने होटलों की पब्लिविटी कर सकतें हैं। सेठ ने कहा कि एसोसिएशन ने पहले ही होटल मालिकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर एसओएपी बारे में जागरूक करने का एक सफल प्रयास किया है। जल्द ही होटेलों में कार्यरत जनरल मैनेजरों के लिए ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/बच्चन-hindusthansamachar.in

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